किसान संगठनों ने कल्याणकारी कानून बनाने वाले दीनबंधू छोटूराम की जयंती पर किया याद

2/17/2021 12:35:38 PM

भिवानी (अशोक भारद्वाज) : किसान मसीहा कहलाने वाले दीनबंधू छोटूराम को उनकी 140वीं जयंती पर आज विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा उन्हें याद किया गया। 24 नवम्बर 1981 को झज्जर जिले के सांपला में किसान परिवार के घर जन्में सर छोटूराम ने तत्कालीक पंजाब सरकार में मंत्रीमण्डल में रहते हुए किसानों के हित में कृषि उत्पाद मंडी अधिनियम 1938, गिरवी जमीनों की मुफ्त वापिसी एक्ट 1938, कर्जामाफी अधिनियम 1934 सहित किसानों व मजदूरों के हित में अनेक कानून बनाए जिससे किसान व मजदूरों का उत्थान हुआ। 

एक साधारण परिवार से सम्बद्ध रखने वाले दीनबंधू छोटूराम की जंयती प्रत्येक वर्ष बंसत पंचमी के दिन मनाई जाती है। इसी के तहत आज विभिन्न संगठनों से जुड़े किसान नेताओं ने उन्हें याद किया और उनके द्वारा साहूकार के चंगुल से किसानों व मजदूरों को बचाने वाले उनकी विचार धारा  को याद किया गया। इस मौके पर किसान नेता कमल सिंह ने बताया कि दीनबंधू सरछोटूराम ने संयुक्त पंजाब में मंत्री रहते हुए किसानों व मजदूरों के लिए अनेक कानून बनाए जिसमें किसानों की जमीनों की नीलामी को बंद करवाई, फसलों के भाव बेहत्तर बनवाए। इसके साथ ही दीनबंधू छोटूराम ने सभी जाति व धर्मों के लोगों को एक साथ लेकर किसान व मजदूर वर्ग की उदारता के लिए कार्य किये। सर छोटूराम का संदेश था कि प्रत्येक व्यक्ति को समाज में ऊंचा उठने का अधिकार है। इसके लिए शिक्षा के महत्व को जाति व धर्म से उपर उठकर समझते हुए सर्व समाज को साथ लेकर चलना होगा। 9 जनवरी 1945 को सर छोटूराम ने अंतिम सांस ली। अपने वकालत के पेशे के दौरान उन्होंने कई बार अंग्रेज न्यायधीशों को अपने तर्क से हराया तथा किसान व मजदूर वर्ग की आवाज को बुलंद किया। भांखडा नांगल बांध भी सर छोटूराम की ही देन है। 

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Content Writer

Manisha rana