प्रशासन के साथ किसानों की बातचीत रही विफल

3/19/2019 11:15:03 AM

चरखी दादरी(पंकेस): ग्रीन कॉरीडोर 152डी मुआवजा वृद्धि को लेकर सोमवार को किसान प्रतिनिधिमंडल ने डी.सी. से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसान नेताओं से जिलाधीश के समक्ष अपना पक्ष रखा। सभी दस्तावेजों की गहनता से जांच करने के बाद डी.सी. अजय सिंह तोमर ने प्रतिनिधिमंडल सदस्यों को आश्वस्त किया कि एन.एच. हाईवे के लिए किसी व्यक्ति की जमीन जबरदस्ती अधिगृहीत नहीं की जाएगी।

उन्होंने धरने पर बैठे किसानों से भी शांति बनाए रखने की अपील की। डी.सी. ने किसान नेताओं को भरोसा दिलाया कि जल्द ही इस मामले का हल निकाला जाएगा। वहीं गांव रामनगर के समीप सोमवार को धरने में प्रदेशभर से खाप पदाधिकारियों ने अपना समर्थन दिया। इस दौरान महापंचायत का आयोजन भी हुआ जिसके किसान व खाप पदाधिकारियों ने किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटने का ऐलान किया। नैशनल हाईवे 152डी के लिए अधिग्रहण होने वाली भूमि की मुआवजा राशि वृद्धि की मांग को लेकर किसानों का धरना सोमवार को भी जारी रहा।

किसान गांव रामनगर के समीप गत 21 दिनों से धरना दे रहे हैं। विभिन्न खापों के प्रतिनिधियों ने धरना समिति पदाधिकारियों के साथ मिलकर जिला उपायुक्त अजय सिंह तोमर व दूसरे सक्षम अधिकारियों के साथ मैराथन वार्ता की लेकिन दोनों पक्षों के बीच किसी प्रकार की सहमति नहीं बन पाई। किसानों ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाते हुए कड़ा रोष प्रकट किया। समिति और खाप पंचायतों ने मांग पूरी न होने तक धरने पर डटे रहने की घोषणा की है।  

सोमवार को विभिन्न खापों के प्रतिनिधि धरनास्थल पहुंचे। इस दौरान विचार-विमर्श करने के बाद दोपहर 12 बजे डी.सी. से बात करने के लिए धरना समिति और खापों से जुड़े करीब 40 लोग लघु सचिवालय पहुंचे। करीब 2 घंटे तक  दोनों पक्षों के बीच वार्ता चली। उपायुक्त से बात कर लौटने के बाद किसान नेता व मामले मे किसानों की पैरवी कर रहे अधिवक्ता रमेश दलाल ने कहा कि बातचीत पूरी तरह से बेनतीजा रही है। हम बार-बार प्रशासन से मिल चुके हैं लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं निकल पाया है। धरने को 21 दिन बीतने और कई बार प्रशासन से मिलने के बावजूद हमारी प्रक्रिया एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है जिससे सरकार व प्रशासन की उदासीनता साफ तौर पर नजर आ रही है। 

उपायुक्त के साथ वार्ता बेनतीजा रहने के बाद खापों से जुड़े लोगों और किसानों ने मांगें पूरी न होने तक पहले के मुकाबले अधिक संख्या में एकत्रित होकर धरना जारी रखने का निर्णय लिया। जमीन अधिग्रहण से प्रभावित 17 गांवों के किसानों ने होली पर्व नहीं मनाने का निर्णय लिया था। धरने पर पहुंची सभी खाप पंचायतों ने किसानों के निर्णय का अनुसरण करते हुए होली न मनाने की बात कही।

Deepak Paul