पीटी अध्यापकों ने तीज के त्यौहार को काले दिवस के रुप में मनाया, किया प्रदर्शन
7/23/2020 3:08:03 PM
भिवानी ( अशोक भारद्वाज) : भिवानी में आज बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने अपना धरना जारी रखा। यह धरना 38वे दिन में प्रवेश कर गया। आज तीज के त्यौहार के अवसर पर बर्खास्त पीटीआई अध्यापको ने काली तीज मनाई ओर कहा कि इस त्यौहार को वे नही मनायेगे। इस दौरान उन्होंने सरकार विरोधी नारेबाजी भी की। बर्खास्त पीटीआई नोकरी बहाली की मांग को लेकर धरने पर बैठे है। आज जहाँ पूरा हरियाणा तीज को त्योहार को बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मना रहा है वही बर्खास्त पीटीआई अध्यापक तीज के दिन भी नोकरी की बहाली को लेकर धरने पर है।
पीटीआई अधयापकों ने कहा कि प्रदेश की सरकार ने उन्हें हटा कर उनका रोजगार छीन लिया है। उन्होंने कहा कि आज का दिन बहन व भाई के प्रेम का होता है ओर हरियाणा की सरकार ने भाई व बहन की नोकरी छीन ली। अब वे इस त्योहारों को काले दिन के रूप में मना रहे है। बर्खास्त पीटीआई संघ के प्रधान अशोक व अन्य ने बताया की सरकार ने उनकी रोजी रोटी छिनी है। जिसकी वजह से वे आज सडकों पर है। उन्होंने बताया कि वे अब पीछे नही हटने वाले है।
चरखी दादरी : चरखी दादरी पिछले 1 महीने से लगातार पीटीआई अध्यापक धरना व प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इन अध्यापकों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया है इसी को लेकर आज पीटीआई अध्यापकों ने तीज के त्यौहार को काले दिवस के रुप में मनाया और काली पट्टी बांधकर शहर भर में प्रदर्शन किया सर्व कर्मचारी संघ प्रधान राजकुमार ने बताया कि पिछले 1 महीने से पीटीआई अध्यापक लगातार धरना व प्रदर्शन कर रहे हैं अब तो गूंगी बहरी सरकार इन पीटी अध्यापकों की बात सुने जिससे कि इनके सामने आए रोजी-रोटी संकट दूर हो जाए वहीं सरकार को इन्हें सेवा से बाहर करना चाहिए नहीं तो बिन बिन कर्मचारी संगठन इकट्ठा होकर इस गूंगी बहरी सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करेंगे जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी काफी दिन से पीटीआई अध्यापक लगातार धरना व प्रदर्शन कर रहे हैं 10 साल से भी ज्यादा सरकार की सेवा करने के बाद एनपीटीआई अध्यापकों को नौकरी से हटाना गलत है भर्ती में जिन अधिकारियों ने गलती की थी उनको सजा मिलनी चाहिए।
यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता/ सुमित) : हरियाणा भर के बर्खास्त 1983 पीटीआई टीचर ने आज हरियाली तीज के त्यौहार को काला दिवस के रूप में मनाया। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में महिलाओं व पुरुषों ने काले पटके बांधकर और महिलाओं ने काली चुन्नी लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यमुनानगर में भी बर्खास्त पीजीएटी चोरों ने काला दिवस मना कर अपना रोष प्रकट किया।
यमुनानगर जिला सचिवालय के सामने क्रमिक अनशन पर बैठे पीटीआई टीचरों और उनके परिवार की महिलाओं ने क्रमिक अनशन स्थल पर पहुंचकर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अब कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही, नौकरी चली गई, 39 दिन से क्रमिक अनशन और धरने पर बैठे हैं कोई सुनने वाला नहीं है। इसलिए हम आज हरियाली तीज के त्यौहार को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं। अध्यापकों का कहना है कि सरकार एक तरफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करती है लेकिन सड़कों पर बैठी बेटियां, सरकार को नजर नहीं आ रही। उन्होंने कहा कि जब तक 1983 पीटीआई टीचरों की सेवाएं बहाल नहीं की जाती सभी त्योहार ऐसे ही काले दिवस के रूप में मनाए जाएंगे। वही अध्यापकों का कहना है कि उनके डॉक्यूमेंट चार चार बार चेक हो चुके हैं लेकिन किसी में कोई गलती नहीं है। गलती चयन प्रक्रिया में है तो सजा चयन प्रक्रिया वालों को मिलनी चाहिए, टीचरों को इसमें कोई दोष नहीं है उन्हें बहाल किया जाना चाहिए।
करनाल (के.सी. आर्या) : करनाल पी टी आई टीचरों ने काली पट्टी व् काली चुनी बांधकर मनाई काला दिवस के रूप में तीज जिले भर के बर्खास्त टीचर 39 दिनों से नोकरी बहाली की मांग को लेकर लघु सचिवालय के सामने धरना दे रहे है।
हरियाणा भर के 1983 पी टी आई टीचरों को जब से सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नोकरी से बाहर किया तभी से हरियाणा भर में धरने प्रदर्शन कर पीटीआई टीचर नोकरी बहाली की मांग को लेकर 39 दिनों से भूख हडताल कर रहे हैं। जिनको सर्व कर्मचारी संघ सहित राजनितिक पार्टियां भी समर्थन कर चुकी हैं। फिर भी सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की पी टी आई टीचर मुख्य मंत्री से लेकर सांसद तक अपनी गुहार लगा चुके हैं परन्तु उनको कोई भी रिस्पोंस नही मिला अब आज तीज के त्यौहार को सभी टीचर काला दिवस के रूप में मनाया जा रहा हैं सभी महिलाओ ने काली चुनी काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर नोकरी बहाली की मांग की।