न भागती तो दहेज के लिए उसकी हत्या कर दी जाती !

3/5/2016 6:37:27 PM

भिवानी, (अशोक भारद्वाज) : यहां एक विवाहिता पर इतना अत्याचार हुआ कि उसने ससुराल से भाग कर अपनी जान बचाई। यहां तक कि उसने महिला हेल्पलाइन पर भी जानकारी दी, लेकिन पुलिस नहीं पहुंंची। उसके गले के निशान इतने गहरे है कि ऐसा लगता है कि अगर कुछ देर ओर गला दबाया जाता तो शायद परिणाम कुछ और ही होता। मामला सिर्फ इतना था कि युवती की मां दहेज की रकम नहीं दे पाई, इसलिए बहाने बना बना कर उसे पीटा जाता था। 

गांव रेवाड़ी खेड़ा की ज्योति का विवाह गांव बसाना निवासी संजीव के साथ हुया था। विवाह के बाद सब कुछ ठीक ठाक था, लेकिन एक दिन ज्योति अपने घर में रोते हुए आई ओर कहा कि उसके पति संजीव ने उसके साथ मारपीट की है। उसके पति व उसकी ममेरी सास ने उससे पैसों की मांग की है। संजीव बचपन से ही अपने मामा व मामी के पास रहता है तथा वहीं गांव बसाना जिला रोहतक में ही प्राईवेट स्कूल खोल रखा है। 

ज्योति ने बताया कि उसका विवाह 20जून 2014 को हुआ था। शादी के बाद से ही दहेज की मांग को लेकर उसके साथ मारपीट होने लगी। मारपीट इतनी बढ़ती रही कि बात—बात पर उसके साथ मारपीट होती थी। उसने बताया कि जब उसकी शादी हुई थी तब भी दहेज में मोटी रकम दी गई थी। गत दिवस पति ने उससे कहा कि व उनके द्वारा जो स्कूल खोला गया है उसमें पढ़ाने के लिए जाएं, लेकिन उसने मना कर दिया और कहा कि वह आज घर पर बीएड़ की तैयारी करेंगी। 

इतना कहने पर ही उसके पति ने उसके साथ मारपीट करनी शुरु कर दी। ममेरी सास व ममेेरे ससुर व पति ने उसका गला दबाकर उसे मारने का प्रयास किया। वह किसी तरह उनसे आजाद हुई और महिला हेल्पलाइन पर मामले की जानकारी दी, लेकिन सही जवाब नहीं मिला। वह वह भाग कर अपने मायके आ गई। यहां उसे भिावनी के चौधरी बंसीलाल सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है।

पीडि़त ज्योति की मॉ पुष्पा ने बताया कि उसकी बेटी को पढ़ा लिखा कर बड़ा किया अेार उसे बीएससी करवाई, लेकिन आज उसकी बेटी के साथ मारपीट की जाती है तथा दहेज की मांग की जा रही है। दहेज वह नहीं दे पा रही। वह सरकारी स्कूल में कुक की पोस्ट पर नौकरी करती है। वहां से मात्र अढाई हजार रुपए मेहनताना मिलता है। वह ऐसे में लाखों रुपए का दहेज कैसे दे।