सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी अतिथि अध्यापक परेशान

8/25/2016 3:52:33 PM

तोशाम (पंकेस): गत 31 मार्च को सरप्लस बताकर हटाए गए 3,581 अतिथि अध्यापकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी कई अध्यापकों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। किसी स्कूल में पोस्ट तो है लेकिन वर्कलोड नहीं है और वर्कलोड है वहां विभाग द्वारा पोस्ट नहीं दी गई है। ऐसे में 2 दिन बाद ही एक बार फिर सरप्लस अतिथि अध्यापकों को रिलीविंग की समस्या का सामना करना पड़ा है, जिसके चलते विभाग के अधिकारियों व अतिथि अध्यापकों की सांसें अटकी हुई हैं और प्रभावित अध्यापकों ने ज्वाइङ्क्षनग के लिए एक बार फिर भाग दौड़ शुरू कर दी है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हसान से रिलीव किए गए अतिथि अध्यापक जयव्रत व सुशील सामाजिक अध्ययन, जोगीराम गणित व सुरेंद्र हिन्दी अध्यापक ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद उन्होंने 19 अगस्त को उक्त स्कूल में कार्यभार ग्रहण किया था लेकिन आज स्कूल मुखिया ने ज्वाइङ्क्षनग आर्डर के पीछे संबंधित विषयों के पद न होने की बात करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भेज दिया और उक्त दिनों में किए गए कार्य की हाजिरी भी नहीं लगवाई गई। प्रभावित हुए अतिथि अध्यापकों ने बताया कि उक्त स्कूल में वर्कलोड तो है लेकिन विभाग द्वारा पदों को स्वीकृत नहीं किया गया है, ऐसे में स्कूल मुखिया के सामने संबंधित अध्यापकों का वेतन निकलवाने की दिक्कत खड़ी दिखाई देती है। जिसके चलते उक्त कार्रवाई की गई।
 
 
इन स्कूलों में बनी अस्पष्ट स्थिति
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ढाणीमाहू, राजकीय उच्च विद्यालय मंढाण, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ङ्क्षनगाना, राजकीय कन्या उच्च विद्यालय मिरान व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हसान ऐसे स्कूल हैं, जिनमें उक्त अध्यापकों के लिए वर्कलोड तो हैं लेकिन संबंधित अध्यापकों के लिए पद विभाग द्वारा स्वीकृत नहीं है। ऐसे में काम करवाने वाले अध्यापकों का वेतन निकलवाने में स्कूल के सामने दिक्कत खड़ी हो जाएगी।
 
इस बारे में हसान स्कूल के कार्यवाहक प्राचार्य भूप सिंह से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि उक्त अध्यापकों के लिए उनके स्कूल में वर्कलोड तो है लेकिन विभाग की तरफ से पोस्ट नहीं दी गई है। ऐसे में उक्त अध्यापकों का वेतन निकलवाने के लिए कोई रास्ता नहीं है, जिसके लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख कर दिशा-निर्देश मांगे गए हैं। उन्होंने विद्यालय में अध्यापकों की कमी को भी स्वीकारा है। न होने के चलते वेतन निकलवाने में दिक्कत आती है। उन्होंने बताया कि प्रभावित अध्यापकों को दूर स्कूलों में समायोजित किया जाएगा।