बेहिसाब महंगाई से भाजपा ने बनाई ‘आर्थिक असमानता’ की खाई: रणदीप सुरजेवाला
punjabkesari.in Friday, Dec 12, 2025 - 06:53 PM (IST)
चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव, कर्नाटक के प्रभारी एवं राज्यसभा के सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने तथ्यों व आंकड़ों के जरिए अनेक मुद्दों पर केंद्र एवं प्रदेश सरकार पर सवालिया निशान लगाए हैं। सुरजेवाला ने जहां हरियाणा में मनरेगा के क्रियान्वयन को लेकर आरोप लगाए हैं तो यह भी कहा कि आज धान किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भारत को दुनिया का सबसे अधिक आर्थिक असमानता वाला देश बना दिया है। सामाजिक न्याय और समानता की संवैधानिक अवधारणा को रोज कुचल रही भाजपा ने देश को आर्थिक विषमता के दलदल में डूबो दिया है।
सुरजेवाला ने कहा कि वल्र्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट-2026 के मुताबिक देश में 1 प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का 40.1 प्रतिशत हिस्सा है। वहीं देश में 10 प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का 65 प्रतिशत यानी दो तिहाई से भी ज्यादा हिस्सा है। जबकि निम्न आर्थिक आय वाले आबादी के 50 प्रतिशत लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का मात्र 6.4 प्रतिशत हिस्सा ही है। आमदनी की बात करें तो देश में सबसे ज्याद इंकम वाले 1 प्रतिशत लोग कुल राष्ट्रीय आय का 22.6 हिस्सा हासिल कर लेते हैं, जो वर्ष 1922 के बाद सबसे ज्यादा आय है।वहीं अगर 10 प्रतिशत सबसे ज्यादा कमाने वाले लोगों की बात करें, तो इनके पास कुल नैशनल इंकम का 58 प्रतिशत हिस्सा आ जाता है। जबकि निम्न आय वर्ग वाले देश की 50 प्रतिशत आबादी को कुल राष्ट्रीय आय का मात्र 15 प्रतिशत ही प्राप्त होता है। देश की श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी बेहद कम, मात्र 15.7 प्रतिशत है और पिछले एक दशक में कोई सुधार नहीं हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में आर्थिक असमानता, संपत्ति, वर्ग और लिंग के आयामों में गहराई से व्याप्त है, जो देश की अर्थव्यवस्था के भीतर गहरे आर्थिक विभाजन को उजागर करती है। 11 साल से लगातार लूट और मुनाफाखोरी के डबल ईंजन पर सवार भाजपा, चंद पूंजीपतियों के साथ देश की आय और संपति को लूटने और बांटने में ही लगी है। इसका नतीजा- बीजेपी एंड कंपनी ने अर्थव्यवस्था को खोखला करके और देश को गहरे आर्थिक विषमता के संकट में धकेलकर, देश के 90 प्रतिशत परिवारों को आर्थिक तंगी और कर्ज के दलदल में डुबो दिया है।
मनरेगा में मजदूरों को नहीं मिली 100 दिन की गारंटी
राज्यसभा के सदस्य रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने आंकड़ों के माध्यम से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को लेकर भी सरकार पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि बेरोजगारी की महामारी में धकेलने वाले भाजपा के डबल ईंजन ने हरियाणा के किसान-मज़दूरों और गरीबों से मनरेगा का सहारा भी छीन लिया। ये हमला विशेषत: एस.सी.-बी.सी. वर्ग और साधारण गरीबों पर ही है। हरियाणा में 8 लाख से अधिक (8,06,439) मज़दूर मनरेगा के तहत रजिस्टर्ड हैं, मगर 2022-23 में केवल 3,447 जबकि 2023-24 में और भी कम 2,555 परिवारों को ही 100 दिन का काम मिल सका। इतना ही नहीं, मनरेगा के तहत 100 दिन का काम देने में भी नाकाम रहने वाली सरकार को बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है मगर हरियाणा सरकार ने मनरेगा कामगारों को 5 साल में एक रुपया भी नहीं दिया। केवल झूठे वादों और खोखले दावों से ठगती आ रही भाजपा की डबल इंजन सरकार में हरियाणा को केंद्र से मात्र 432.83 करोड़ का ही मनरेगा बजट मिला, जबकि उत्तर प्रदेश को मनरेगा के लिए 8288.07 करोड़ की राशि मिली। सुर्जेवाला ने कहा कि डा. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 2006 में मनरेगा योजना लागू की, जो दलित, वंचित, मज़दूर, भूमिहीन किसान व सीमांत वर्ग के परिवारों के लिए आर्थिक सुरक्षा का आधार है और उसे भाजपा यहां साजिश के तहत ख़त्म करने पर तुली है। भाजपा सरकार, सब कुछ लूटने-लुटाने और मिल बांटने के बाद मनरेगा का गला घोंटकर खेती-किसानी और मजदूरी से जुड़े हरियाणा के लाखों गरीब परिवारों से आजीविका की आखिरी उम्मीद भी छीनने का पाप कर रही है।
धान खरीद में लगाया धोखाधड़ी व धांधली का आरोप
कांग्र्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुर्जेेवाला ने हरियाणा में किसानों के धान खरीद में हुई धोखाधड़ी को लेकर भी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि धान का एक-एक दाना खरीदने का नायब झूठ तो भाजपाई धोखाधड़ी निकला ही और अब सरकारी खरीदी के नाम पर हुआ करोड़ों का धान घोटाला भी सामने है। हरियाणा में फसल पंजीकरण से चावल मिलों तक, नायब सरकार का सैंकड़ों करोड़ रुपए का पी.आर. धान घोटाला सामने आ चुका है। प्रदेश में इस बार 14.74 लाख एकड़ धान की फसल बाढ़ में बर्बाद हो गई और शेष फसल में भी 30 प्रतिशत प्रति एकड़ उत्पादन (झाड़) घट गया, मगर भाजपाई घोटालेबाजी के पहाड़ ने इस बार पिछले साल से भी 9 लाख टन ज्यादा धान खरीदी के गड़बड़झाले को अंजाम दे दिया। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि हरियाणा के किसानों को तो एम.एस.पी. के नाम पर धोखा मिला, मगर भाजपा सरकार ने घपलेबाजी की सांठगांठ में फर्जी गेट पास से लेकर प्रदेश के बाहर से धान खरीदी तक का खेल कर डाला। धान किसानों को ठगने और एम.एस.पी. के नाम पर चूना लगाने के लिए कच्ची पर्ची और प्राइवेट लूट का भाजपाई खेल तो पूरे प्रदेश ने देखा ही..अब बीजेपी का सिस्टम धान घोटाले पर भी पर्दा डालने में लग गया है। हरियाणा की खेती-किसानी को चौतरफा चौपट करने में लगी भाजपा, लूट और घोटाले का पहाड़ खड़ा करती जा रही है और किसान मेहनत सहित लागत डूबने से कर्ज के दलदल में दबते जा रहे हैं।