बीके अस्पताल में अस्थमा की जांच को तरसे मरीज!

1/10/2019 1:01:31 PM

फरीदाबाद(ब्यूरो): सर्दी अपने चरम पर हैं और सर्दी से जुड़ी बीमारियों से ग्रसित अस्थमा एवं सांस के मरीज स्मार्टसिटी के सबसे बड़े बादशाह खान अस्पताल में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लाचारी तो देखिए की इतने बजे जिला अस्पताल में अस्थमा एवं श्वांस की पीएसटी जांच भी नहीं हो पा रही है। जिसके चलते रोगियों में अस्थमा डायगनोस ही नहीं हो रहा है। दिनों दिन ऐसे अस्थमा मरीजों की तादाद में इजाफा होता जा रहा है। इसकी वजह है कि बीके अस्पताल के पास पीएसटी टेस्ट के लिए स्पेरो मीटर जांच मशीन ही नहीं है। जांच के अभाव में प्रतिमाह करीब 3 हजार और प्रतिवर्ष करीब 36 हजार रोगियों को दिल्ली के महरौली स्थित लाडोसराय जांच सेंटर में जांच के लिए रैफर किया जाता है। 

60 हजार से 35 हजार लाख का स्पेरोमीटर 
बीके अस्पताल के डॉ. गुप्ता की माने तो श्वास व अस्थमा जैसे गंभीर रोगों की जांच करने के लिए सरकार से स्पेरोमीटर जांच मशीन मांगी थी, लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अबतक जिले के बड़े अस्पताल को मशीन उपलब्ध नहीं करा सका है। उच्च गुणवत्ता वाली इस मशीन की कीमत करीब 35 लाख है। बाजार में 60 हजार कीमत की मशीन से भी पीएसटी जांच की जा रही है। एलर्जी के चलते होती है मौत :अस्थमा मरीजों की मौत का मुख्य कारण है एलर्जी से होने वाली दमे की बीमारी। इसके चलते फेफडों और दिल में ऑक्सीजन की कमी से दौरे पडऩा और जटिलता पैदा होने से दिल काम करना बंद कर देता है और रोगी की सांस टूट जाने से मौत हो जाती है। 

235 मिलियन को अस्थमा 
डब्ल्यूएचओ के अनुसार अस्थमा वर्तमान में दुनिया में 235 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है। भारत में इससे पीड़ित लोगों की संख्या का अनुमान 10 लाख है। बीके अस्पताल के टीबी एवं चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. शीला भगत के अनुसार बिस्तर, कॉलिनों, पराग और गोल्ड, तंबाकू, सक्रिय और निष्क्रिय धूम्रपान, रासायनिक परेशानियां, क्रोध या डर जैसे अत्याधिक भावनात्मक उत्तेजना व जोरदार शारीरिक व्यायाम से अस्थमा होता है।

डॉ. योगेश गुप्ता, फिजिशीयन, बीके अस्पताल  
बीके अस्पताल में स्पेरोमीटर नहीं होने से अस्थमा के रोगियों की जांच नहीं हो रही है। प्रतिदिन 100 और माह में 3 हजार लोगों को रैफर कर दिल्ली पीएसटी जांच के लिए भेजा जाता है। सरकार से मशीन की मांग की गई है। 

Deepak Paul