टिकट को लेकर भाजपा नेताओं की उड़ी नींद

7/9/2019 11:26:50 AM

फरीदाबाद (महावीर गोयल): विधानसभा चुनावों का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, संसदीय क्षेत्र की सभी 9 विधानसभाओं में भाजपा नेताओं में बेचैनी बढ़ती जा रही है। भाजपा नेताओं को भय है कि इस बार भाजपा टिकट देने में नया फार्मूला अपना सकती है। हालांकि कई विधानसभाओं में चंद चेहरों की टिकटें तय मानी जा रही हैं लेकिन उसके बावजूद  उन्हीं विधानसभा क्षेत्रों से अन्य भाजपा नेता भी अपनी सक्रियता दिखाने में जुटे हुए हैं। फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र में 9 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें 6 विधानसभा क्षेत्र फरीदाबाद जिले तथा 3 विधानसभा क्षेत्र पलवल जिले में हैं। 

फरीदाबाद की 6 विधानसभा सीटों में से 3 विधानसभा सीटों पर  भाजपा का कब्जा है। जिसमें फरीदाबाद से विपुल गोयल, बडख़ल से सीमा त्रिखा तथा बल्लभगढ़ से मूलचंद शर्मा विधायक हैं। एनआईटी सीट इनेलो के पास है। तिगांव कांग्रेस और पृथला बसपा के पास है। हालांकि बसपा व इनेलो विधायक ने भाजपा को समर्थन दे रखा है लेकिन पार्टी इन सीटों पर भी अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों को मैदान में उतारना चाहती है। इसी प्रकार पलवल व होडल सीट पर कांग्रेस के विधायक हैं। हथीन सीट पर इनेलो के विधायक थे जो अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। विभिन्न पार्टियों से भाजपा में शामिल होने वाले नेता भी भाजपा नेताओं के लिए परेशनी बने हुए हैं।  फरीदाबाद सीट पर जहां विपुल गोयल कैबिनेट मंत्री होने के साथ-साथ काफी बड़े कद के नेता हैं। वहीं मुख्यमंत्री के करीबी व हरियाणा सरकार में चेयरमैन रहे अजय गौड़ भी इस सीट पर सक्रिय नजर आ रहे हैं। उधर, बडख़ल विधानसभा सीट पर भी भाजपा नया दाव लगा सकती है। इसी प्रकार एनआईटी के नेताओं को भी स्पष्ट नहीं है कि भाजपा किसी चेहरे को उम्मीदवार बनाएगी। 

पिछले चुनावों में भाजपा की ओर से यहां यशवीर डागर प्रत्याशी थे जो इनेलो प्रत्याशी से हार गए थे। बल्लभगढ़ में मूलचंद शर्मा राजनीतिक दृष्टि से काफी मजबूत हैं लेकिन धरातल पर उनकी मजबूती बहुत अधिक हाईकमान को नजर नहीं आ रही है। यही कारण है कि  बल्लभगढ़ से भी भाजपा के कई नए चेहरे टिकट की उम्मीद में बैठे हैं। तिगांव विधानसभा क्षेत्र से पिछले चुनावों में चुनाव हार चुके राजेश नागर जहां लगातार सक्रिय रहे हैं, वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के पुत्र देवेंद्र चौधरी भी इस सीट पर मजबूती से टाल ठोक रहे हैं। दोनों ही प्रत्याशी भाजपा की दृष्टि से मजबूत माने जा रहे हैं।

पृथला में पिछले चुनावों में चंद वोटों से चुनाव हारे नयनपाल रावत भी लगातार भाजपा का झंडा बुलंद करते रहे हैं और जनता के बीच अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं। सक्रियता के मामले में भाजपा के अन्य नेता उनसे काफी अधिक पीछे हैं लेकिन इसके बावजूद टिकट को लेकर भाजपा क्या निर्णय लेती है, यह एक बड़ा सवाल है। पलवल से दीपक मंगला और होडल से जगदीश नायर तथा हथीन से केहर सिंह रावत पहली पंक्ति में शामिल हैं। हालांकि इन विधानसभा क्षेत्रों से भी भाजपा के कई नेता ताल ठोक रहे हैं लेकिन हालात उक्त नेताओं के ही पक्ष में नजर आ रहे हैं। इस बार कितने लोगों के टिकट कटेंगे, यह कहना तो जल्दबाजी होगी लेकिन टिकट को लेकर भाजपा नेताओं में बेचैनी चरम पर है। 

Isha