बच्चें को नहीं मिला यूनिफार्म का पैसा

4/7/2019 10:59:36 AM

फरीदाबाद(सुधीर राघव): कहते हैं कि गेहूं के साथ घुन भी पिसता है। यह पंक्तियां हरियाणा शिक्षा विभाग के 239 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे 45 हजार छात्र-छात्राओं पर सटिक बैठ रही है। 
शैक्षणिक सत्र 1 अप्रेल से शुरू हो गया है और शिक्षा विभाग ने बाहरी राज्यों के बच्चों के एकाउंट अपडेट नहीं होने की वजह से सभी 45 हजार विद्यार्थियों के खातों में एक सप्ताह बाद भी स्कूल यूनिफार्म और स्टेशनरी का पैसा नहीं डाला है। इससे अभिभावकों के सामने जेब खर्च करने की चिंता पसर गई है।

उनका कहना है कि यदि स्कूल से पैसा नहीं मिला तो उन्हें अपनी जेब से स्टेशनरी और स्कूल ड्रैस लानी पड़ेगी जो काफि महंगा सौदा है। अधिकारिक सूत्रों की माने तो सोमवार तक बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों के खातों को आधार से लिंग कर दिया जाएगा। तभी जाकर राशि बच्चों के खातों में आ सकती है। जबकि स्थानीय बच्चें जिनका बैंक खाता पहले से ही आधार से लिंक हैं उनके अभिभावकों का कहना है कि जब राशि शिक्षा विभाग को मिल चुकी है तो वह स्टेशनरी और यूनिफार्म के पैसे बच्चों के खातों में क्यों नहीं डाल रहे। बाहरी रा४यों के बच्चों की वजह से स्थानीय बच्चों के परिवारों को ड्रैस व यूनिफार्म के लिए परेशान होना पड़ रहा है।  

पहले सोते रहे, अब कर रहे जल्दबाजी 
शिक्षा निदेशालय ने जिले में 239 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के 45000 छात्रों के बैंक खातों को आधार से लिंक करने के निर्देश बीते सत्र के अक्टूबर में ही जारी कर दिए थे। लेकिन विद्यालयों के शिक्षकों ने इस आदेश को हल्के में लिया और सोते रहे। लेकिन जब विभाग ने छात्रों के बैंक खातों के आधार से लिंक होने की सूचना मांगी तो सभी के हाथ-पांव फूल गए, क्योंकि विभाग अबतक 5000 छात्र-छात्राओं के बैंक खाते खुलवा ही नहीं सका है। 

वहीं जिले शिक्षकों ने अधूरी सूचना को एमआईएस पोर्टल पर अपडेट नहीं किया है और खातों को आधार से लिंग करने की जुगत में लगे हैं। वहीं जबकि यह कार्य पूरा हो जाएगा तब कहीं जाकर शिक्षकों को सूचना एमआईएस पोर्टल पर अपडेट करनी होगी। तभी जाकर विद्यार्थियों को ड्रेस और स्टेशनरी की राशि मिलने का रास्ता साफ होगा। 

यह मिलता है बजट:- अधिकािरयों की माने तो फ रीदाबाद के 239 प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत 45000 विद्यार्थियों को कक्षा 1 से 5 वीं तक प्रति बच्चें पर 100 रुपए सालाना स्टेशनरी, यूनिफार्म 800 रुपए और 150 रुपए सालाना स्कूल बैग के लिए दिए जाते हैं। जबकि कक्षा 4 से 8 वीं तक के बच्चों पर युनिफार्म के लिए 1000 रुपए, स्टेशनरी के लिए 150 रुपए और बैग के लिए 150 दिए जाने का प्रावधान है।विभाग इस राशि को बच्चों के खाते में डलवाता है।

"यदि शिक्षा विभाग ने स्कूलों में कम्प्यूटर दिए होते तो शायद सभी कागजी कार्रवाई कर ली जाती। लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसके चलते विभाग 5000 बच्चों के न खाते खुलवा पाया और न ही आधार को लिंक करवा पाया। ऐसे में अधूरी सूचनाओं को बिना कम्प्यूटर के शिक्षक एमआईएस पोर्टल पर कैसे डालें। इसके अलावा शिक्षकों से गैर शैक्षिक कार्य भी करवाए जाते हैं, जिससे उन्हें समय ही नहीं मिल पाता। इसके चलते ही बच्चों को ड्रैस व स्टेशनरी की राशि नहीं मिल पाई"। - चतर सिंह, जिला प्रधान, हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन

"बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों के बैंक खाते खुलने में परेशानी आ रही है जिसके चलते वह आधार से लिंक नहीं हो पा रहे हैं। यह कार्य सोमवार तक पूरा करने का प्रयास किया जाएगा और सूचना को एमआईएस पोर्टल पर अपडेट करेंगे तभी ड्रेस व स्टेशनरी, बैग का बजट क्लीयर होगा"। - शशि अहलावत, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी।

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