शहर में चारों ओर हो रही ‘सरकार’ की चर्चा

5/21/2019 9:40:35 AM

फरीदाबाद(महावीर गोयल): मतगणना का दिन जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, चुनावी चर्चा उसी तरह जोर पकड़ती जा रही है। शहर में लोगों की जुबान पर एक ही बात चढ़ी हुई है कि देश में किसकी सरकार बनेगी और हरियाणा में किसका राज होगा यानि कहां सांसद कौन बनेगा और दोबारा मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं। पान की दुकान हो या चाय की दुकान हो, सब पर एक ही चर्चा है। हालांकि सभी दलों समर्थक अपने-अपने नेता के समर्थन में दलीलें दे रहे हैं।

लेकिन सुबह की मॉर्निंग वॉक से लेकर परचून की दुकान, गांव की चौपाल के साथ-साथ महिलाओं में भी इस तरह की चुनावी चर्चा सुनने को मिल रही है। हार-जीत की बहस में लोग उलझने को मजबूर हो जाते हैं। मतगणना में केवल तीन दिन शेष हैं, तब तक यह बहस निरंतर चलेगी। 23 मई को दोपहर तक स्थिति साफ हो जाने की संभावना है लेकिन तब तक यह लोगों के लिए हॉट टॉपिक बना हुआ है। विभिन्न एजेंसियों द्वारा दिखाए जा रहे एग्जिट पोल पर भी खासी चर्चा की जा रही है।

मतदान के बाद ही चुनावी चर्चा तेज हो चुकी है। कोई देश में एनडीए व यूपीए की जीत की बात कर रहा है तो कोई हरियाणा में किस सीट पर कौन जीत हासिल करेगा, इस पर चर्चा कर रहा है। हरियाणा की यदि बात करें तो ज्यादातर लोगों की नजर में मुकाबला कांटे का है। जिसने वोटरों को साध लिया होगा उसी की जीत तय मान रहे हैं।
 
दावों-प्रतिदावों का सिलसिला जारी: छठे चरण के लोकसभा चुनाव के मतदान होने के एक हफ्ते बाद भी फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में विभिन्न दलों के प्रत्याशियों की हार-जीत, उनके मतों के अंतर इत्यादि को लेकर दावों-प्रतिदावों का सिलसिला जारी है। मुख्य मुकाबलों के साथ साथ संसदीय क्षेत्र के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों को मिलने वाले संभावित वोटों को लेकर कयास लगाए जा रहे है।

खास बात यह भी है कि मतदान के दिन 12 मई सांय के बाद से पिछले हर दिन सुबह और शाम नतीजों को लेकर समीकरण बन बिगड़ रहे हैं। हालांकि यह सिलसिला 23 मई को परिणाम आने तक जारी रहेगा लेकिन फिलहाल तो स्थिति कुछ ऐसी बनी हुई है कि जिसने जिस रंग का चश्मा लगाया हुआ है उसे हालात अपने अनुकूल दिखाई दे रहे है।
 
विधानसभा अनुसार हार-जीत का गुणा-भाग: इसके बावजूद कोई चाहे कुछ भी कहे ईवीएम मशीनों में बंद उम्मीदवारों के भविष्य के बारे में कुछ भी निश्चित कहना फिलहाल मुमकिन नहीं लगता है। इससे पहले के सभी लोकसभा, विधानसभा चुनावों के बाद हार जीत को लेकर सार्वजनिक बयानबाजी तेज हो जाती थी लेकिन इस बार इसे लेकर खामोशी छाई हुई है।  फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में 9 विधाानसभा क्षेत्र आते हैं। जिनमें फरीदाबाद, बडख़ल, एनआईटी, तिगांव, बल्लभगढ़, पृथला, पलवल, होडल, हथीन आदि शामिल हैं।

किस विधानसभा क्षेत्र में मतदान प्रतिशत को ध्यान में रखते हुए जीत-हार का गुणा भाग लगाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में जहां कांग्रेस प्रत्याशी की स्थिति मजबूत होने की बात कही जा रही है तो कहीं भाजपा को शहरी क्षेत्र से बढ़त मिलने की बात हो रही है। इन सबके बीच इस बात पर विशेष जोर दिया जा रहा है कि लोगों ने देश और मोदी के नाम पर अधिक वोट दिए हैं। एक-दूसरे विधानसभा क्षेत्रों के चुनावी रूझान के साथ साथ वहां के भौगोलिक, जातीय स्थिति को लेकर जानकारियां आम आदमी की जुबानों पर देखी जा सकती है। 

kamal