मंत्री कृष्णपाल ने राजनैतिक द्वेष के कारण करवाया धोखाधड़ी का मामला दर्ज: महेन्द्र प्रताप

7/22/2016 12:33:06 PM

फरीदाबाद (अनिल राठी): पूर्व केबीनेट मंत्री महेन्द्र प्रताप सिंह ने फरीदाबाद के सांसद और केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर पर राजनैतिक द्वेष के कारण उनके पुत्रों के खिलाफ धोखाधड़ी का झूठा मामला दर्ज करने का आरोप लगाया है। इसे लेकर महेन्द्र प्रताप सिंह और फरीदाबाद के सांसद व केन्द्रीय राज्य मंत्री आमने-सामने है। 

 

उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में संज्ञान लेने और उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि इस तरह के कारनामों से पार्टी और सरकार दोनों की छवि जनता की नजर में खराब हो रही है। महेन्द्र प्रताप सिंह के पुत्रों विजय और विवेक प्रताप के खिलाफ संदीप चपराना नामक युवक ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। महेन्द्र प्रताप सिंह मीडिया को सच्चाई बताने के लिए पत्रकारवार्ता में बोल रहे थे। 

 

धोखाधड़ी के मामले में सफाई देते हुए पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह मामला झूठा और निराधार है। इसे दर्ज कराने के लिए मंत्री कृष्णपाल गुर्जर काफी समय से लगा हुआ था, लेकिन यह दर्ज नहीं हुआ था। उन्हें स्वयं प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया है कि उन्होने मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के दबाव में मामला दर्ज किया है। कृष्णपाल गुर्जर चाहता है कि अभी से उनकी छवि खराब कर दी जाए ताकि वे उसके सामने चुनाव न लड़ सके। उन्होने मुख्यमंत्री से इस मामले में संज्ञान लेकर उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि इससे पार्टी और सरकार की छवि खराब हो रही है। 

 

पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि त्यागी नामक व्यक्ति ने संदीप चपराना और उसके साथियों के साथ जमीन का सौदा किया था। जिसके लिए एम.ओ.यू. साइन किया गया था, जिसकी शर्त पूरी न होने पर त्यागी ने इस जमीन का एग्रीमेंट दूसरे व्यक्ति के नाम कर दिया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए इस मामलें को निपटाने का प्रयास किया। 

 

त्यागी मान भी गया कि अगर वे उसकी पूरी कीमत देते हैं तो वह जमीन की पूरी रजिस्ट्री करने को तैयार है, लेकिन मंत्री कृष्णाल गुर्जर ने ऐसा नहीं होने दिया और मामला दर्ज कराने वालों ने उस जमीन पर कब्जा कर लिया और पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी। जबकि इस पूरे मामले में उनके पुत्रों विजय और विवेक प्रताप का कोई लेना-देना नहीं है। पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप सिंह ने मामले से जुडे काफी दस्तावेज प्रेस के सम्मुख भी रखे ताकि सच्चाई सामने आ सके।