स्कूली वाहनों पर प्रशासन ने कसा शिकंजा

12/14/2017 1:26:13 PM

होडल(ब्यूरो):प्रशासन ने अब स्कूली बसों में सीसीटीवी कैमरे,जीपीएस सिस्टम,टूटे पड़े शीशे और खिड़की,बगैर ड्रेस के चालक परिचालक,वाहन पर रिफलेक्टर ना होने तथा अन्य नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूली वाहनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में आरटीओ सचिव ने बुधवार को तीन स्कूली बसों को काबू कर कार्रवाई शुरू कर दी है। 

सर्दियों के मौसम में अधिकांश निजी स्कूल संचालक कानून का खुलेआम उल्लंघन करते हैं। स्कूली वाहनों में शीशे खिड़की आदि टूटे रहते हैं और छात्र छात्राएं सर्दियों के मौसम में इन्हीं वाहनों में सफर करने को मजबूर होते हैं। इस प्रकार के स्कूली वाहनों में ना तो रिफलेक्टर लगे होते हैं और ना ही चालक और परिचालक ड्रैस में होते हैं। इसके अलावा अधिकांश स्कूली वाहन आज भी बगैर सीसीटीवी और जीपीएस स्स्टिम के सरपट दौड़ रहे हैं। सर्दियों के मौसम में भी कुछ स्कूली वाहनों के शीशे और खिड़की टूटे रहते हैं और स्कूली छात्र भी इन्हीं वाहनों में सफर करने को मजबूर होते हैं। वहीं वाहन सुविधा के नाम पर निजी स्कूल संचालका छात्रों के अभिभावकों से मोटी फीस वसूलते हैं। 

नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में प्रशासन द्वारा काबू की गई एक बस मालिक का कहना है कि उन्होंने लगभग दो सप्ताह पहले ही नई स्कूली बस खरीदी है जिसके सभी आवश्यक दस्तावेज पूरे कराए हैं, लेकिन फिर भी प्रशासन ने बस को काबू कर चालान काट दिया है। निजी स्कूल संचालक का कहना था कि कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करना ठीक है। इस बारे में पलवल आरटीए सचिव अंजू चौधरी का कहना है कि आवश्यक नियमों और मानकों को पूरा नहीं करने वाले स्कूलीं वाहनों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है।