रोका नहीं तो बड़ा हादसा संभव..

4/23/2019 10:22:19 AM

फरीदाबाद(सुधीर राघव): अच्छे दामों की आस में फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और पलवल की मंडियों में फसल बेचने के लिए पहुंच रहे उत्तर प्रदेश के नोएडा व ग्रेटर नोएडा के किसान यमुना पर बन रहे पुल निर्माण में अड़चनें पैदा कर रहे हैं।इससे निर्माण कंपनी ही नहीं सरकारी अमला भी परेशान हैं। इसकी मूल वजह है कि अभी यमुना नदी पर पुल बना भी नहीं है कि किसान अनाजों से भरे भारी भरकम ट्रेक्टर ट्रॉलियों को निर्माणाधीन वैकल्पिक पुल से गुजार रहे हैं, जो खतरनाक है।

इससे पुल निर्माण में कंपनी को समस्या खड़ी हो रही है और कार्य प्रभावित हो रहा है। लेकिन सबसे बड़ा संकट यह है कि यहां दुर्घटना का अंदेशा बना हुआ है। जिला प्रशासन की ओर से इन किसानों को रोकने के लिए पुलिस के पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं। आलम यह है कि दिन भर में एक-दो नहीं सैकड़ों किसान अपने लोडिंग वाहन लेकर वैकल्पिक पुल पर चढ़ जाते हैं। इन्हें कंपनी के सुरक्षा कर्मी रोकते हैं तो यह मारपीट से भी नहीं कतराते। बस इन लोगों को एक ही जुनून सवार रहता है कि किसी तरह से यमुना पार कर फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और पलवल की मंडियों में अपनी फसलों को पहुंचा दें। 

रेत में फंसती हैं ट्रॉली
भारी वजन के चलते इन किसानों की ट्रेक्टर ट्रॉलियां यमुना पर बन रहे वैकल्पिक पुल पर पड़ी रेत में फंस जाती है और घंटों तक रास्ता जाम हो जाता है। ऐसे में कंपनी की क्रेन व हाईड्रा व अन्य मशीनरी को निकलने में घंटों इतंजार करना पड़ रहा है। कई बार कंपनी अधिकारियों ने तिगांव एसएचओ को मौके पर भी बुलाया। लेकिन इसके बावजूद भी यह लोग नहीं मान रहे है। इससे यमुना पुल के प्रोजेक्ट में देरी हो रही है।यमुना का जलस्तर भी खतरा इनदिनों दिल्ली सिंचाई विभाग ने शाहदरा कैनाल से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ रहा है।

इससे यमुना का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है। सिंचाई विभाग द्वारा यमुना से जुड़ी आगरा कैनाल में भी पानी डायवर्ड नहीं किए जाने से भी यमुना में बहाव काफी तेज हैं।तेज बहाव होने से कंपनी के कार्य की प्रगति तो धीमी चल ही रही है। यह किसान कंपनी अधिकारियों के लिए नई मुसीबत बने हुए हैं, यदि निर्माणाधीन पुल पर कोई भी हादसा होता है तो वाहन सीधे यमुना में गिरेंगे जिससे बड़ी संख्या में जान माल की हानि हो सकती है। 

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