इमरजेंसी में भी हड्डी और मोतियाबिंद के ऑपरेशन की लम्बी वेटिंग

punjabkesari.in Tuesday, Nov 27, 2018 - 04:18 PM (IST)

फरीदाबाद(सुधीर राघव): फरीदाबाद के बीके अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर में इनदिनों समय पर मरीजों के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे है। उन्हें करीब दो माह तक की लम्बी वेटिंग देकर ऑपरेशन किए जा रहे है। इससे कई बार मरीजों की जान आफत में पड़ जाती है। ऐसी स्थिति में चिकित्सकों को मजबूरन संवेदनशील व गंभीर रोगियों को ही इमरजेंसी में ही ऑपरेशन करना पड़ रहा है। 

इसकी मूल वजह है कि अस्पताल में एनेस्थिसीया के चिकित्सकों की कमी और ऑपरेशन थियेटरों का अभाव। कहने को 200 बेड के बीके अस्पताल में वर्तमान में चार ऑपरेशन थियेटर है लेकिन एक थियेटर नसबंदी और एक गायनी के मरीजों के लिए स्थायी तौर पर उपयोग किया जाता है। लेकिन बाकि शेष रहे दो ऑपरेशन थियेटरों को ही सर्जरी, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपेडिक (हड्डी), नेत्र रोगियों के ऑपरेशनों के लिए उपयोग किया जा रहा है। 

शहर की 18 लाख आबादी है और अन्य राज्यों के प्रवासी मतदाताओं को लगा ले तो 22 लाख की आबादी वाले फरीदाबाद शहर के बीके अस्पताल में प्रतिदिन सर्जरी के 10 मरीज, ऑर्थोपेडिक के 10 और नसबंदी के 10, नेत्र के 10 और गायनी के करीब 15 रोगी ऑपरेशन के लिए पहुंचते हैं। लेकिन ऑपरेशन थियेटरों की कमी के चलते यह सभी ऑपरेशन संभव नहीं होते हैं। जिसकी वजह से विशेषज्ञ चिकित्सकों को लम्बी वेटिंग देने पड़ती है। ऐसे में सक्षम मरीजों को निजी अस्पतालों में ऑपरेशन कराने पडते हैं। 

सर्जन डॉ. संदीप अग्रवाल की माने तो उन्होंने सोमवार को दो पथरी और एक हर्निया का ऑपरेशन किया। यह वो मरीज हैं जिन्हें दो माह पूर्व ऑपरेशन के लिए वेटिंग में लगना पड़ा था। वहीं ऑर्थोपेडिक के डॉ. रविशंकर के अनुसार उन्होंने भी हड्डी के रोगियों के लिए दो माह बाद तक की वेटिंग दे रखी है। यही हाल नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. जयंत आहूजा भी बताते हैं कि ऑपरेशन थियेटरों की कमी के चलते वह भी प्रतिमाह 10 दिन में दो दिन ही ऑपरेशन थियेटर मिल पाता है तब जाकर वह मोतियाबिंद के ऑपरेशन कर पाते हैं। 
 


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Rakhi Yadav

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