अब संस्कार से पहले आधार कार्ड आवश्यक

11/25/2017 4:58:31 PM

फरीदाबाद(महावीर गोयल):कफन से पहले आधार कार्ड आवश्यक, यह सुनने में कुछ अटपटा अवश्य लग रहा है परंतु यह शत-प्रतिशत सच्ची बात है। जिले के नहरपार स्थित प्रमुख श्मशान घाट में लगे बोर्ड आजकल चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन बोर्डों पर साफ-साफ लिखा है कि मृतक का आधार कार्ड लाना अनिवार्य है, नहीं तो संस्कार नहीं होगा और आदेशानुसार नगर निगम फरीदाबाद लिखा हुआ है। अंतिम संस्कार की क्रिया में आने वाले लोग इन बोर्डों को देख आश्चर्यचकित हो रहे हैं। मोदी सरकार ने आधार कार्ड को हर चीज में अनिवार्य कर दिया है। जिले में सरकार के इन आदेशों की पालना भी की जा रही है। 

बैंक खातों को जहां आधार कार्ड से लिंक किया जा रहा है वहीं मोबाइल नंबर भी आधार कार्ड के साथ जोड़े जा रहे हैं। मोदी सरकार के आधार कार्ड की अनिवार्यता के नियम को जिले में किस कदर सख्ती से लागू किया जा रहा है, उसका प्रमाण शहर के श्मशान घाट में भी देखने को मिल रहा है। मवई के श्मशान घाट में जगह-जगह बोर्ड लगे हुए हैं जिनमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आधार कार्ड के बिना मृतक का संस्कार नहीं किया जाएगा। जब श्मशान घाट में स्थित व्यक्ति से पूछा गया तो उसने बताया कि यह बोर्ड नगर निगम के आदेशों से लगे हुए हैं। श्मशान घाट में दाह संस्कार को आने वाले लोग इन बोर्डों को देखकर जहां आश्चर्यचकित थे वहीं उन्होंने इसे एक मजाक बताया।

राजेंद्र सिंह दहिया, सब रजिस्ट्रार नगर निगम
नगर निगम ने इस तरह के कोई आदेश जारी नहीं किए हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करते हुए सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार हमें दो आईडी प्रूफ की आवश्यकता होती है परंतु दाह संस्कार के वक्त आधार कार्ड अनिवार्य जैसे कोई आदेश नगर निगम ने नहीं दिए हैं। इसके अलावा  मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी हम परिवार के किसी भी सदस्य के दो आईडी प्रूफ मांगते हैं न कि मृतक के। यदि श्मशान घाट में कोई इस प्रकार का बोर्ड लगा हुआ है तो यह नगर निगम की जानकारी में नहीं है और इस प्रकार का बोर्ड लगाना गलत है।

दिनेश रघुवंशी, अंतराष्ट्रीय कवि 
हजारों ऐसे असहाय लोग हैं जो आधार कार्ड बनवाने के लिए जाने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे लोगों के पास आधार कार्ड नहीं होता तो क्या ऐसे लोगों का दाह संस्कार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा पुलिस अनेक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करती है, वे उनके आधार कार्ड कहां से लाएगी। यह निर्णय किसने और क्यों लिया है, यह तो मैं नहीं जानता परंतु यह निर्णय पूरी तरह से न केवल असंवेदनशील है बल्कि पूरी तरह गलत है। यह बहुत बड़ा मामला है, इस पर प्रशासन को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए और यदि इसमें कोई त्रुटि है तो उसे अविलंब दुरुस्त करना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के बोर्ड लोगों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं।