पटरियां ठिठुरी, ट्रैक फ्रैक्चर का खतरा बढऩे से रेलवे ने बढ़ाई गश्त

12/8/2017 11:06:05 AM

फरीदाबाद(सुधीर राघव):कोहरे के कहर से ट्रेनें सहमी-सहमी चल रही हैं। इस कारण फरीदाबाद जंक्शन पर लंबी दूरी की ट्रेनें घंटों देरी से पहुंच रही है। उत्तरप्रदेश और बिहार की ओर आने वाली ट्रेनें ज्यादा विलम्ब से आ रही हैं। वहीं सर्दी बढऩे से पटरियां भी ठिठुरने लगी हैं और रेल पटरी फ्रेक्चर का खतरा बढ़ गया है। रेल प्रशासन ने सुबह व रात के समय ट्रेनें की पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। रात में ट्रेनों में फुटप्लेट निरीक्षण किया जा रहा है। इसके लिए पर्यवेक्षकों के साथ अधिकारियों भी ड्यूटी लगाई गई है। ट्रैकमैन सर्द भरी रातों में हर रोज दस से 12 किलोमीटर पेट्रोलिंग कर रहे हैं। वहीं रेलवे ने ठंड और ट्रेने की लेटलतीफी के चलते लम्बी दूरी की 13008 श्रीगंगानगर-हाबड़ा तूफान मेल, 14309 उज्जैन -देहरादून एक्सप्रेस को रद्द किया है। 

पूछताछ सेवा भी ठप: ट्रेनें की लेटलतीफी के साथ रेलवे की पूछताछ सेवा भी ट्रेनें के आगमन समय का संभावित समय बताने में विफल साबित हो रही है। पल-पल पर ट्रेनें की मौजूदा स्थिति में विलम्ब हो रहा है और यात्री परेशान हो रहे हैं। यात्री विक्रम जाखड़ ने बताया कि उन्हें सुबह में पूछताछ केन्द्र पर श्रीगंगानगर-हाबड़ा तूफान मेल एक्सप्रेस के समय की जानकारी चाही थी, लेकिन कार्मिक संभावित समय की जानकारी नहीं दे पाए। इसके बाद एकीकृत पूछताछ नम्बर 139 पर भी समय की जानकारी नहीं मिली। जबकि इस सेवा से जानकारी लेने के लिए प्रति मिनट 3 रुपए खर्चा आता है। 

ये ट्रेनें पहुंच रही देरी से
12715 (नादेड़-अमृतसर) सचखण्ड एक्सप्रेस- 8 घंटे लेट, 18478 (हरिद्वार-पुरी) उतकल एक्सप्रेस - 2 घंटे, 12617 (एरलाकुलम-निजामुद्दीन) मंगला एक्सप्रेस- 2 घंटे, 64570 (निजामुद्दीन-कोसीकला) शटल ईएमयू - 3.30 घंटे, 64052 (गाजियाबाद-पलवल) ईएमयू- 1 घंटे, 12060 (कोटा-निजामुद्दीन स्पेशल) 30 मिनट, 12138 (पंजाब मेल)- 30 मिनट व 19024 (फिरोजपुर-मुम्बई) जनता एक्सप्रेस- 20 मिनट देरी से पहुंच रही है। फरीदाबाद स्टेशन अधीक्षक केसी मीणा ने बताया सर्दियों में हादसों की आशंका को देखते हुए ट्रेनों की रफ्तार पर असर पड़ा है। रेलवे बोर्ड के आरपीएफ जवान और परिचालन विभाग के अधिकारियों की एक टीम गठित कर ठंड से टे्क पर होने वाले फ्रैक्चरों को तलाशने के लिए पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। ताकि कोई बड़ा हादसा होने से बचाया जा सके।