गेहूं चोरी मामले में हड़कंप

8/19/2018 11:47:35 AM

होडल(ब्यूरो): गांव सेवली स्थित हरियाणा वेयर हाउस कॉरपोरेशन के गोदाम से हजारों कविंट्ल गेहूं की चोरी के मामले में पकड़े गए चौकीदार द्वारा इस मामले में कई अधिकारियों, कर्मचारियों  व आढ़तियों के नाम पुलिस पूछताछ में लेने से विभाग के अधिकारियों तथा नागरिकों में हड़कम्प मच गया है। उल्लेखनीय है कि सेवली स्थित हरियाणा वेयर हाउस के गोदाम में से तीन हजार गेहूं के कटटों के चोरी होने पर सुरक्षा प्रभारी रूप सिंह द्वारा गोदाम की रखवाली पर तैनात चौकीदार पर तीन हजार क्ंिवटल गेहूं के कट्टों को चोरी कराकर बेचने का आरोप लगाते हुए होडल पुलिस को शिकायत करने पर होडल पुलिस  द्वारा चौकीदार से पूछताछ करने पर चौकीदार ने कई हजार क्विंटल गेहूं को चोरी से बेचने की बात कबूल की है। 

पुलिस सूत्रों के अनुसार चौकीदार द्वारा इस मामले में कई अधिकारियों, कर्मचारियों व व्यापारियों के नाम उजागर किए गए हैं। गेंहू चोरी मामले में यह भी निश्चित है कि किसी अधिकारी की मिलीभगत के बगैर किसी भी चौकीदार की गोदाम में चोरी करने की हिम्मत नहीं हो सकती है। इसलिए इसमें संलिप्त अधिकारियों के द्वारा अपना नाम बचाने के लिए इस मामले में केवल चौकीदार को ही बलि का बकरा बना कर अपना दामन बचाने के लिए अपने राजनैतिक आकाओं के द्वारा दबाव डलवाया जा रहा है। 

उल्लेखनीय है कि होडल में गेहूं चोरी व घोटाले का यह कोई पहला मामला नहीं है।होडल में लगभग सभी सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलिभगत के चलते अनेकों गोदामों से इसी प्रकार ही गेहूं का गायब कर दिया जाता है। इसी प्रकार ही होडल के हैफेड़ गादेाम में कई साल पहले अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलिभगत के चलते करोडों रूपए के गेहूं को खुले बाजार में बेच दिया गया तथा इस मामले में तत्कालीन मैनेजर शैलेश गुप्ता को बलि का बकरा बनाया गया था। जबकि इस घोटाले में होडल से ले कर चंड़ीगढ़ तक के हैफे ड अधिकारियों तथा होडल के कई आढ़तियों के संलिप्त होने का मामला भी उजागर हुआ था। 

लेकिन पुलिस प्रशासन पर अपने राजनेताओं का दबााब ड़लबा कर शैलेश गुप्ता को ही बलि का बकरा बना कर इस करोड़ों रूपए के गेहूं घोटाले के मामले को दबा दिया गया था। इस मामले के दब जाने तथा किसी आढ़ती व अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई ना हो पाने के कारण ही होडल के सरकारी एजेसियों के अधिकारियों के हौसलें बुलन्द हो गए हैं तथा इस प्रकार के घोटालों को लगातार अंजाम दे कर करोड़़ों रूपयों के वारे न्यारे किए जा रहे हैं। देखना है कि विभाग के अधिकारियों व पुलिस प्रशासन द्वारा इस ममाले में शामिल अधिकारियों, आढ़तियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाती है या अन्य मामलों की तरह ही केवल चौकीदार को ही बलि का बकरा बना कर इस मामले को रफा दफा कर दिया जाता है

Deepak Paul