महिला ने सडक़ पर दिया बच्ची को जन्म

2/17/2016 7:02:50 PM

फरीदाबाद (सूरजमल) :  बादशाह खान अस्पताल के डाक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण एक महिला अस्पताल के पास ही सडक़ पर बच्ची को जन्म दे दिया। बताया जाता है कि कर्मचारियों ने महिला की जांच किए बिना उसे डिलीवरी में दो महीने बाद होने की बात कह कर अस्पताल से भगा दिया था। सडक़ पर डिलीवरी के दौरान राहगीर और अस्पताल का एंबुलैंस चालक मदद के लिए आगे आया,लेकिन जानकारी मिलने के बाद भी डाक्टर और स्टाफ मौके पर नहीं पहुंचा। 

जानकारी के मुताबिक संतोष नामक व्यक्ति यहां के करनेरा गांव में रहता है। उसकी पत्नी पुष्पा पिछले दिनों गर्भवती हो गई थी,जिसकी सरकारी अस्पताल से नियमित जांच करवाई जा रही थी। मंगलवार की शाम को संतोष काम से लौट कर आया तो पुष्पा को तेज प्रसुति पीड़ा होने लगी। संतोष अपने परिजनों की मदद से शाम करीब आठ बजे पुष्पा को लेकर बादशाह खान अस्पताल पहुंच गया। वहां महिला को दाखिल करना तो दूर डाक्टर और नर्सों ने उसकी जांच तक करने की जरूरत महसूस नहीं की।

इस दौरान पुष्पा कई घंटों तक वहीं पर तड़पती रही। परिजनों के बार बार गुहार लगाने पर स्टाफ ने मौके पर पहुंच कर जांच के नाम पर खानापूर्ति कर दी। स्टाफ ने परिजनों को बताया कि अभी प्रसुति में करीब दो महीने का समय बाकी है। स्टाफ पुष्पा को घर ले जाने के लिए कहने लगा। पुष्पा की हालत को देखते हुए परिजनों ने दाखिल करने की गुहार लगाई। लेकिन स्टाफ ने उन्हें दुत्कार कर भगा दिया। 

रात करीब 12 बजे के आसपास संतोष पत्नी के साथ अस्पताल से निकल कर गेट से थोड़ी ही दूरी पर आटो का इंतजार कर रहा था। उसी दौरान अचानक पुष्पा की फिर से हालत बिगड़ गई। इससे वह वहीं जमीन पर लेट गई। पुष्पा की हालत देख कर वहां से गुजर रहे राहगीर मदद के लिए पहुंच गए। इस दौरान अस्पताल का एंबुलैंस चालक मुकेश भी वहां पहुंच गया। चंद मिनटों के भीतर पुष्पा ने वहीं सडक़ पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। चालक मुकेश ने नवजात शिशु को लपेटने के लिए अपना रूमाल और कपड़े निकाल कर संतोष को दिए। इसके बाद जच्चा और बच्चा को ले जाकर अस्पताल में दाखिल करवाया गया।