11 सरकारी और 17 निजी विश्वविद्यालयों ने शोध विषय का किया चयन

12/15/2018 9:29:57 AM

चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा के विश्वविद्यालयों ने प्राचीन दर्शन, ग्रंथ, संत-महात्मा और ऋषि-मुनि पर शोध का निर्णय लिया है ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग अच्छी हो सके। हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के आग्रह पर अब तक 11 सरकारी विश्वविद्यालयों और 17 निजी विश्वविद्यालयों ने शोध विषय का चयन कर लिया है। परिषद के प्रवक्ता ने बताया कि गत दिन सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई थी, जिसमें निर्णय लिया था कि हर विश्वविद्यालय प्राचीन दर्शन, ग्रंथ, संत-महात्मा और ऋषि-मुनि पर शोध प्रकाशित करेंगे। इस संदर्भ में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार महर्षि वाल्मीकि पर शोध पुस्तक प्रकाशित करेंगे जबकि स्टारेक्स विश्वविद्यालय, गुरुग्राम का विषय आर्यभट्ट रहेगा और महर्षि मारकंडेश्वर विश्वविद्यालय वैदिक गणित पर, अल-फलह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद सूफी सिद्धांतों पर तथा एस.आर.एम. विश्वविद्यालय, सोनीपत द्वारा आयुर्वेद में वर्णित औषधीय पौधों पर शोध किया जाएगा। 

इसी प्रकार, एमिटी विश्वविद्यालय गुरुग्राम की ओर से मनुष्य के शरीर में कौशिका स्तर लिपिड्स विषय पर, हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पारंपरिक भारतीय भोजन बनाने के प्रौद्योगिकी विज्ञान’ विषय पर, जे.सी. बोस विश्वविद्यालय फरीदाबाद में कम्प्यूटर में प्रयोग होने वाली प्राकृतिक भाषाओं पर नॉर्थ कैप विश्वविद्यालय गुरुग्राम में एनीमेशन और गेमिंग पर, एस. आर. एम. विश्वविद्यालय सोनीपत में औषधियों की खोज पर, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी में भारत और चीन में पारंपरिक तौर से प्रयोग होने वाली औषधियों पर शोध किया जाएगा। परिषद के अध्यक्ष प्रो. बृजकिशोर कुठियाला ने बताया कि विश्वविद्यालयों का मुख्य कार्य अध्यापन के साथ-साथ नए ज्ञान का सृजन भी है। परिषद ने सभी विश्वविद्यालयों से आग्रह किया है कि आधुनिक प्रासंगिकता वाले कम से कम एक विषय पर ग्रंथ प्रकाशित करें। 24 विश्वविद्यालयों ने अपने-अपने शोध करने बारे जानकारी दी है बाकी द्वारा भी शीघ्र ही विषय का चयन कर लिया जाएगा।

Rakhi Yadav