अनुसूचित जाति वर्गीकरण मामले में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान पर समाज के लोगों में रोष

6/22/2019 11:15:45 AM

टोहाना: अनुसूचित जाति वर्गीकरण मामले में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान पर समाज के लोगों में भारी रोष है। हरियाणा प्रदेश चमार महासभा के महासचिव जगरूप सिंह पातलान की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में मुख्यमंत्री के प्रति रोष यक्त करते हुए कहा कि सरकार एक तरफ  तो जाति-धर्म बिना भेदभाव के सर्व समाज का समान विकास करना उनक ा उद्देश्य कहती है लेकिन धरातल पर ऐसे कार्य कर रही है जिससे समाज के भाईचारे में जहर घोलने का ङ्क्षनदनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने समाज को वर्गीकृत करने का प्रयास किया गया था लेकिन माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में जाहिर कर दिया था कि अनुसूचित जाति में इस तरह का वर्गीकरण नहीं किया जा सकता। वर्ष 2019 में भी सुप्रीम कोर्ट यह स्पष्ट कर चुकी है कि क्रीमिलेयर तथा वर्गीकरण अनुसूचित जाति में नहीं किया जा सकता लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा राजनीति से प्रेरित ऐसी घोषणा की गई है। 

उन्होंने बैठक में सरकार से अपील की कि मुख्यमंत्री द्वारा गुरु रविदास जयंती पर अनुसूचित जाति की नौकरियों में बैकलॉग पूरा करने की घोषणा की थी उसे पूरा किया जाए।  85वां संविधान संशोधन अभी तक लागू नहीं किया गया उसे शीघ्र लागू किया जाए। स्नातकोत्तर व्यवसायिक कोर्सों में अनुसूचित जातियों का आरक्षण हरियाणा में भी लागू किया जाए। सभी वर्ग की सरकारी सेवा में दूसरे राज्यों की तर्ज पर प्रदेश में आरक्षण लागू किया जाए। इस अवसर पर प्रैस प्रवक्ता पी.एल. कटारिया, अशोक कुमार, अमित कुमार, चंद्रभान, गुरदेव सिंह, सुंदर सिंह, मङ्क्षहद्र व कृष्ण सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।

एस.सी. को ए व बी  श्रेणी में बांटने के  विरोध में सौंपा ज्ञापन 
टोहाना (पंकेस): शिक्षण संस्थाओं में दाखिले के लिए एस.सी. को ए व बी श्रेणी बनाने के विरोध में एस.सी. समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि संत कबीर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के दौरान आगामी वर्ष से शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले के समय एस.सी. को ए व बी कैटेगरी बनाए जाने की घोषणा की गई जिसका एस.सी. समाज विरोध करता है। 
ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि अनुसूचित जाति को उप जातियों के आधार पर उप श्रेणी विभाजन करना गलत है जोकि माननीय न्यायालय द्वारा भी असंवैधानिक करार दिया गया है। इस अवसर पर समाज के अनेक लोग उपस्थित थे।

Isha