विश्व के 28 देशों में पर्यावरण का संदेश देकर वीजा लेने देश में लौटे डा. राज

5/23/2019 9:58:34 AM

रतिया(झंडई/बांसल): जिले के गांव सांचला की जन्मस्थली के बस स्टैण्ड पर बचपन के दौरान अपने पिता द्वारा लगाई गई त्रिवेणी से पर्यावरण को बचाने का संकल्प लेने वाले डा. राज, जो कि 28 देशों में पर्यावरण को बचाने की अलख जगाकर साइकिल बाबा के नाम से विख्यात हो गए हैं, ने कहा है कि वह अपने मिशन को अवश्य पूरा करेगा और 2030 तक विश्व के सभी 200 देशों में पर्यावरण के बचाव का संदेश देने के पश्चात अंतिम चरण में पाकिस्तान में भाईचारे का संदेश लेकर जाएंगे।

वहां पर दोनों देशों के सौहार्दपूर्ण व्यवहार को सुदृढ़ करने के साथ-साथ पर्यावरण को बढ़ावा देने के पश्चात वाघा बार्डर से ही भारत में प्रवेश करेंगे। 5 सितम्बर 2016 को पर्यावरण को बचाने के लिए विश्व की साइकिल यात्रा पर निकले डा. राज उर्फ साइकिल बाबा यूरोप का वीजा लेने के लिए इन दिनों भारत आए हुए हैं। उसने बताया कि इस साइकिल यात्रा के दौरान उन्होंने 20 डिग्री के तापमान से लेकर 50 डिग्री के तापमान के अनुभवों को हासिल किया है।

एक से दूसरे देश की अगली मंजिल की तरफ बढ़ते हुए पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया है। उनका कहना है कि इस दौरान उन्होंने विभिन्न देशों के स्कूलों व कालेजों में 700 सैमीनार किए हैं और पर्यावरण को बचाने के लिए करीब 70 हजार पौधे भी रोपित किए हैं।

इन देशों की की है यात्रा
भारत से आरम्भ की गई साइकिल यात्रा के तहत उन्होंने 28 देशों का भ्रमण किया, जिसमें भारत के अलावा श्रीलंका, बंगलादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार, लॉस, वियतनाम, कम्बोडिया, थाइलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, ब्रूनी, तिमोर, फिलीपिंस, ताइवान, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग, मास्को, ओमान, यू.ए.ई., ईरान, अजरीबाग, अर्मेनिया, जाॢजया, तुर्की शामिल हैं। अब वह तुर्की में अपने साइकिल, जिसका नाम धन्नो रखा गया है, को वहीं छोड़ कर यूरोप का वीजा प्राप्त करने के लिए देश आए हैं।

जज्बे को सलाम
पिछले करीब 3 वर्षों से विश्व के देशों में साइकिल यात्रा कर रहे डा. राज के जज्बे को प्रत्येक व्यक्ति सलाम कर रहा है। उन्होंने न केवल अपने निजी खर्चे पर उपरोक्त पर्यावरण को बचाने के लिए साइकिल द्वारा यात्रा निकाली हुई है, बल्कि इसके लिए कुछ संस्थाओं का विशेष योगदान भी निरंतर मिला है। जज्बे के तहत हर व्यक्ति का कहना है कि सरकार को भी ऐसे व्यक्ति का हौसला बुलंद करने के लिए विशेष आॢथक सहयोग करना चाहिए।
 

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