चिट्टे से ‘झूमता शहर’, कर रहा सारी हदें पार...

6/14/2019 12:17:09 PM

फतेहाबाद(ब्यूरो): नशे में जवानी बर्बाद हो रही है। फिर भी नशा आसानी से मिल रहा है। हैरोइन (चिट्टा), स्मैक, अफीम, चूरापोस्त, नशीली गोलियां एवं ड्रग्स गली गली में सरेआम बिक रहा है और इसका सेवन करने वाले समाज की सारी हदें पार करके बेसुध हालात में मिलते हैं, जिससे परिवार के लोग बच्चों की यह हालत देखकर शर्मसार हो रहे हैं। नशे का यह सारा गोरखधंधा बिना किसी ‘सेटिंग’ के कर पाना नामुमकिन है।

 इस गोरखधंधे में दिन प्रतिदिन महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है और युवकों के साथ-साथ युवतियों में भी नशों का प्रचलन बढ़ रहा है। हालांकि पुलिस के आलाधिकारी कहते हैं कि नशे को लगाम लगाने के लिए उन्होंने कमर कसी हुई है। बावजूद इसके नशा सारी हदें पार कर रहा है।

आखिर क्यों नहीं टूट रही सप्लाई की चेन
नशे की सप्लाई की चेन चलाने वाले बड़े ‘सफेदपोशों’ की पहुंच और सैटिंग के चलते सप्लाई की चैन कम होने की बजाय ेबढ़ती ही जा रही है। शहर, गांव में महंगे से महंगा और सस्ते से सस्ता नशा सरेबाजार मिल रहा है। जिले का ऐसा कोई गांव नहीं बचा होगा, जहां नशा मुहैय्या न हो रहा हो।

नशों में भी बढ़ रही है डूप्लीकेसी
बढ़ती पैसे की भूख ने 2 नम्बर के धंधों को भी और मिलावटी बना दिया है। हैराइन, स्मैक, अफीम, भुरकी व ड्रग्स की डूप्लीकेसी भी नशे के बाजार में सरेआम हो रही है। हैरोइन, स्मैक व अफीम कैमिकल से तैयार किए जा रहे हैं। हैरोइन और स्मैक की भी कई वैरायटियां हैं जो 500 से लेकर 3000 तक सिंगल डोज मिल रही है। अफीम भी हजार रुपए तोले से लेकर 3000 रुपए तोले तक बिक रही है। चूरापोस्त भी 2 हजार रुपए किलो से लेकर 6 हजार रुपए तक किलो में बिक रहा है। इन सभी नशों में मिलावट के कारण ही रेट कम ज्यादा होते हैं।

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