गंदा पानी पाने को मजबूर ग्रामीण, फोड़े मटके (watch pics)

4/25/2016 4:36:27 PM

फतेहाबाद (रमेश भट्ट): पेयजल की किल्लत से जहां दक्षिण-पश्चिमी भारत में त्राहि-त्राहि मची हुई हैं। वहीं प्रदेश के जिले फतेहाबाद का सबसे बड़ा गांव भिरड़ाना के ग्रामीणों के हलक भी सूखे हुए हैं। पेयजल आपूर्ति की कमी से जूझ रहे ग्रामीणों का गुस्सा कल जमकर फूटा। ग्रामीणों ने जिनमें बड़ी संख्या महिलाएं शामिल थी, ने  प्रशासन के विरूद्ध जमकर प्रदर्शन किया और रोष स्वरूप मटके फोड़े। 

 

ऐसा नहीं है कि इस गांव में इस दफा ही पेयजल की समस्या उत्पन्न हुई है। ग्रामीणों की मानें तो पिछले लंबे से ग्रामीण इस समस्या से दो चार हो रहे हैं। जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में पेयजल आपूर्ति के लिए वॉटर टैंक के साथ-साथ 18 ट्यूबवेल भी लगाए गए हैं, मगर यह सब ग्रामीणों के सूख चुके हलक को तर करने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं। 

 

प्रशासनिक की लापरवाही के कारण गांव के तमाम ट्यूबवल नाकारा हुए पड़े। किसी की मोटर खराब है तो किसी का बिल अदा न किए जाने के कारण कनैक्शन काट दिया गया है। वहीं गांव के एकमात्र वॉटर वक्र्स की हालत तो ''कोढ़ में खाज जैसी है  हो गई है। वॉटर वक्र्स में पानी तो है, मगर इतना दूषित कि कोई भी पीना तो क्या देखना भी पसंद नहीं करेगा। अब ऐसे में ग्रामीणों को कई मील चल कर पेयजल ला रहे हैं या फिर उन्हें वॉटर टैंक पर आश्रित होना पड़ रहा है। 

 

ग्रामीणों का कहना है कि हर वर्ष गर्मियां शुरु होते ही पेयजल की किल्लत शुरु हो जाती है, मगर प्रशासन उनकी समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। गांव के मोहल्ले की महिलाएं व पुरुषो ने बताया कि उनके घर ऊंचाई पर स्थित है। गांव में केवल एक बार ही पानी की सप्लाई दी जा रही है। इस कारण उन्हें पानी नहीं मिल पा रहा है। इस कारण उन्हें वाटर टैंकर से पानी मंगवाना पड़ रहा है। बार बार टैंक मंगवाने के लिए उनके पास रुपए भी नहीं है। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि गांव में पानी की व्यवस्था करेंगे। और कहा कि उन्होंने वैध कनेक्शन लिए हुए है। हमारे घर से पहले कुछ लोगों ने अवैध कनेक्शन ले रखा है। वे लोग पानी को बर्बाद कर रहे है। इसलिए इन अवैध कनेक्शनों को बंद करवाया जाए।

 

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बने जलघर की सफाई भी नहीं हुई है। जलघर की सफाई न होने से उन्हें गंदा पानी पीना पड़ रहा है। कई बार पंचायत को सूचना देने के बाद भी इस जलघर की सफाई नहीं करवाया जा रही है। गंदा पानी पीने से बीमारी होने का डर भी बना रहता है। गांव के सरपंच ने भी कहा गांव में लोगों के लिए पीने का पानी नहीं है।  

 

गांव के सरपंच सुभाष चंद्र का कहना है कि गांव में बेहतर पेयजल सप्लाई के लिए बंद पड़े ट्यूबवेलों को ठीक करवाया जाएगा तथा वॉटर टैंक की सफाई के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से बात की जाएगी। वहीं विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस संबंध में शिकायत मिली है, जल्द ही समाधान किया जाएगा।

 

गौरतलब है की गांव भिरड़ाना लिंगानुपात में सबसे अव्वल है और इस गांव की महिलाए पानी के लिए प्यासी है। यह गांव जिले का सबसे बड़ा गांव है जोकि अपनी एक अलग पहचान रखता है।