गेहूं के अवशेष जलाने वाले 255 किसानों की हुई पहचान, वसूला जाएगा जुर्माना

5/22/2019 9:51:48 AM

फतेहाबाद: उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने बताया कि जिले में गेहूं के अवशेष जलाने वाले 255 किसानों की पहचान की गई है। हरसेक और अन्य सूचना के आधार पर मिलें इन आंकड़ों का राजस्व विभाग द्वारा वैरीफिकेशन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एन.जी.टी. के आदेशों के अनुसार ऐसे किसानों को नोटिस जारी कर जुर्माना किया जाएगा, अगर कोई किसान जुर्माना अदा नहीं करता है तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

उपायुक्त ने बताया कि जिले में कोई फसल के अवशेष न जलाएं, इसके लिए अधिकारियों गांव-गांव जाकर जनता को फसल अवशेषों के जलाने से होने वाले नुक्सान के बारे में जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया है। उन्होंने कहा कि किसानों को यह भी अवगत करवाया गया है कि फसल अवशेषों को आग के हवाले करने से कीट, खरगोश, सांप, गिलहरी इत्यादि विभिन्न प्रकार के  बेकसुर वन्य प्राणी मारे जाते हैं जिससे आग जलाने वाला किसान पाप का भागी बनता है। वहीं, भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है। 

उपायुक्त ने कहा कि फसल अवशेषों को जलाना कानूनी अपराध तो है, साथ ही सामाजिक बुराई भी है। उन्होंने कहा कि आग के धुएं के कारण विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाएं हो जाती हैं। हर व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आती है। पर्यावरण को खतरा पैदा होता है। विभिन्न प्रकार की बीमारियों के नागरिक शिकार हो जाते हैं। उपायुक्त ने किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि फसल अवशेष जलाने से प्राय: देखने में आया है कि जान माल का भी नुक्सान हो जाता है।  

उपायुक्त ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति गेहूं के फाने या अन्य फसली अवशेषों को जलाता हुआ पाया जाता है तो वह पर्यावरण के नुक्सान की भरपाई देने के लिए उत्तरदायी होगा। दो एकड़ भूमि तक हुए पर्यावरण नुक्सान के लिए प्रति घटना अनुसार संबंधित से 2500 रुपए का जुर्माना वसूल किया जाएगा। 

इसी प्रकार दो से पांच एकड़ भूमि तक 5000 रुपए प्रति घटना तथा पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15000 रुपए प्रति घटना से जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी आदेशों तक जिले में फसल के अवशेष एवं फाने जलाने पर धारा 144 लागू रहेगी जिसके तहत फसली अवशेष जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध है। उपायुक्त ने कहा कि  दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान है।

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