गंदा पानी पीने को मजबूर लोग, 11 में से पानी के 10 नमूने फेल

6/5/2019 10:48:05 AM

जाखल (बृजपाल): आजकल शहर हो या कस्बा, लोग पीने का पानी बंद बोतलों, कैम्पर या फिर आर.ओ. का पसंद करते हैं। इस तरह लोगों को पानी पीते देख कई लोग तरह-तरह के सवाल उठाते हैं और इसका कारण आधुनिकता व लाइफ  स्टाइल से जोड़ते हैं लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। सरकार कहो या फिर प्रशासन, लोगों को स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल की आपूॢत करवाने में नाकाम साबित हो रहा है, इसलिए स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और दूषित पानी का प्रयोग करने से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए सामथ्र्यवान लोग मोल का पानी पीने को विवश हैं, जबकि गरीब लोग दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से ग्रस्त होकर सरकारी अस्पतालों में धक्के खाने को मजबूर हैं।

 स्वच्छ पेयजल की आपूॢत करने का दावा करने वाले नेताओं और प्रशासन अधिकारियों की पोल उस समय खुली जब जाखल मंडी में 11 एकत्रित पानी के नमूनों में से 10 स्वास्थ्य मानक कसौटी पर खरे नहीं उतरे, क्योंकि जाखल मंडी के लोगों को जन स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य मानकों के अनुसार फेल यानी स्वास्थ्य के अनुरूप पानी की आपूॢत नहीं कर पा रहा है। इसका खुलासा जाखल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की टीम द्वारा जाखल मंडी के विभिन्न भागों से एकत्रित पानी के नमूनों की रिपोर्ट आने से हुआ। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने जाखल मंडी से 11 पानी के नमूने लैब में भेजे जिसमें से मात्र एक ही स्वास्थ्य मानको के अनुरूप सही है, बाकि 10 फेल। जन चेतना मंच संस्था सहित अन्य समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने शहरवासियों के स्वास्थ्य के प्रति ङ्क्षचता जताते हुए कहा कि प्रशासन का दायित्व है कि वह लोगों को स्वच्छ एवं शुद्ध जल उपलब्ध करवाए, ताकि लोगों के स्वास्थ्य पर पानी की वजह से हानिकारक प्रभाव न पड़े व लोग बीमार न हों।

जब इस बारे जाखल सामुदायिक केन्द्र के स्वास्थ्य निरीक्षक रमेश कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि हमने जाखल मंडी में 11 पानी के सैम्पल लिए थे जिसमें 10 फेल हुए। रमेश कुमार ने कहा कि एक बार फिर जाखल मंडी में पानी के सैम्पल लेकर लैब में भेजे जाएंगे। अगर पुन: सैम्पल फेल आते हैं तो जन स्वास्थ्य विभाग को नोटिस भेजा जाएगा।

Isha