प्राइवेट स्कूलों की कमीशनखोरी जारी, अभिभावकों की जेब पर डल रहा डाका

5/20/2019 11:50:26 AM

फतेहाबाद: प्राइवेट स्कूल अपनी मुनाफाखोरी के लिए अभिभावकों को लूटने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पहले मोटी दाखिला फीस, फिर कई तरह के फंड और जब शिकार फंस जाए तो उसके बाद स्टेशनरी और स्कूल यूनिफार्म में भी कमीशन खोरी का खेल चलता है। कई प्राइवेट स्कूल तो बकायदा बच्चों के अभिभावकों पर दबाव डालकर एक ही दुकान से स्कूल यूनिफार्म, स्टेशनरी के लिए कहते हैं।

हालांकि सरकारी दबाव के चलते स्कूल वालों ने स्कूल यूनिफार्म व स्टेशनरी देना तो बंद कर दिया है लेकिन बाहर दुकानों में सैटिंग करके स्टेशनरी और स्कूल यूनिफार्म दिलवा रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इस खेल को गैर-कानूनी बताया है और अभिभावकों को सतर्क किया है कि अगर ऐसा कोई स्कूल करता है तो इसकी शिकायत वे शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों को दें।
 
हर किसी दुकान से नहीं मिलती स्टेशनरी
सी.बी.एस.ई. बोर्ड की कक्षाओं को छोड़कर नर्सरी से लेकर 9वीं कक्षा तक अलग-अलग स्कूलों ने अलग-अलग पाठ्यक्रम की किताबें लगा रखी हैं। हर किसी भी दुकानदार के पास सभी स्कूलों की स्टेशनरी उपलब्ध नहीं होती। सैटिंग के हिसाब से स्कूलों की यूनिफार्म व स्टेशनरी मिलती है।

डबल रेट पर मिलती हैं स्टेशनरी व स्कूल यूनिफार्म
प्राइवेट स्कूलों की कमीशन खोरी के चलते स्टेशनरी व यूनिफार्म का रेट अपनी मनमर्जी से लगाते हैं। कई बार यह रेट डबल तक हो जाते हैं क्योंकि दुकानदारों ने इसका कमीशन स्कूलों तक भी पहुंचाना होता है। यदि स्कूल संचालक अभिभावकों को स्कूल यूनिफार्म और स्टेशनरी लेने के दबाव न डाले तो यहीं शिक्षा सामग्री उन्हें कम दामों में मिल सकती है और उनका आॢथक नुक्सान होने से बचाया जा सकता है।

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