सैनी ने पिछड़ा वर्ग को पाकिस्तान जाने की सलाह दे दी !

11/21/2015 5:05:55 PM

फतेहाबाद,(रमेश भट्ट) : कुरूक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी ने लोगों को दिल्ली में होने वाले पिछड़ा वर्ग के सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। प्रदेश में सभी सरकारी कालेजों की आरटीआई का हवाला देते हुए उन्होंने जाटों पर फिर बोला हमला और कहा कि यह वर्ग बरसों से हमारा शोषण कर रहा है।अगर अब भी नहीं जागे तो चले जाओ पाकिस्तान। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ऐलान करके मांग रखी जाएगी कि हम भी दी जाए कोई जिम्मेदारी। पांच मंत्री, गवर्नर ओर पार्टी का अध्यक्ष बनाने के बाद एक समाज के लोगों को ही डिप्टी सीएम बनाने की बात हो रही है। समाज के बाकी लोगों को भी उनका हक दिया जाए।

सांसद सैनी ने लोगों को संबोधित करते हुए जाटो पर फिर से तीखा हमला बोला और इशारे ही इशारे में सरकार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एसपी ओर एसएलम की पाॅवर सिर्फ तंबू जितनी होती है जो कि बस सरकार के चलाने के काम आता है। जब कि उन्हें अपना काम करवाने के लिए जनता के आवेदनों को लेकर हुक्मरानों के चक्कर ही काटने पडते हैं। सैनी ने पिछड़ा वर्ग से दो टूक कहा कि बरसों से जाट उनका शोषण कर रहे हैं, अगर आज भी नहीं जागते तो पाकिस्तान चले जाओ। 

उन्होंने कहा आजादी की लड़ाई के वक्त 30 करोड़ की जनसंख्या में 30 ही क्रांतिकारी हुए, जिन्होंने देश की तस्वीर बदल दी। आज भी उसी जज्बे की जरुरत है। उन्होंने कहा मेरी कुर्सी और इस जमात की आत्मा दाव पर है। इस जमात ने कभी भी अपने किसी नेता को दोबारा संसद में नहीं भेजा चाहे वह राम मनोहर लोहिया, भीमराव अम्बेडकर, अर्जुन सिंह या वीपी सिंह हो। मुझे पता है कि अगर यह कौम नहीं जागी तो मुझे भी संसद में नहीं भेजेंगे। अब उन्हें सत्ता का लालच नहीं है। अगर दिल्ली में उनकी संख्या अधिक जुटती है तो उनके समाज को भी कोई जिम्मेदारी दी जाए। सैनी ने  कहा कि जिस बिरादरी के मंत्री,गवर्नर और पार्टी अध्यक्ष एक ही बिरादरी के बने हुए हैं वहां डिप्टी सीएम तक उसी बिरादरी के बनने की बात चल रही है। ऐसे मे सरकार एक ही समाज के लोगों को क्यों खुश करना चाहती है। 

सांसद सैनी ने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण ठीक है, मगर जिसकी सत्ता होती है, उसे अपनी बिरादरी का ही गरीब नजर आयेगा,इसलिए जनसंख्या के हिसाब से प्रत्येक बिरादरी को आरक्षण मिलना चाहिए। जाट जो दस फीसदी हैं, वह अपने सिक्के को तो रुपया बताते हैं। जो 10 पैसे हैं, उन्हें दसी बताते हैं। अगर जाट नेता यह साबित कर दें कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के 10 फीसदी वोट हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे। 

सांसद सैनी ने कहा सभी सरकारें पिछड़ा वर्ग का मात्र उपयोग करती हैं। एमपी, एमएलए कुछ नहीं होता। यह तो तम्बू रोकने वाले बम्बू मात्र हैं या इन्हें रेल के डिब्बे कह सकते हैं। सत्ता का केन्द्र इन्हें मोहरों की तरह उपयोग करता है। मैं देश के सबसे अमीर व्यक्ति जिंदल को हरा कर जीता हूं, मगर मुझे आज भी जनता के काम करवाने के लिए सत्ता के दरवाजों पर भीख मांगनी पड़ती है। हम जीतकर भी हार गए और वह हार कर भी जीत गए। उन्होंने कहा इस स्थिति को बदलना है तो सत्ता का केन्द्र हथियाना होगा। 2019 के चुनाव पर नजर रखो और सत्ता की चाबी अपने हाथ में लानी होगी। पार्टी 2019 में नेतृत्व पिछड़ा वर्ग को सौंपे। अब हिसाब होगा। 

जब पत्रकारों ने सैनी से पूछा कि क्या वह मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं तो उन्होंने कहा सपने कौन नहीं देखता। मगर ऐसे ही तो मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। सांसद सैनी ने अपने भाषण के दौरान आरटीआई भी दिखाई और कहा कि प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में जाट किस हद तक भरे हुए हैं। अन्य जातियों के लोग कहीं भी दिखाई नहीं देते। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा कई अन्य विभागों जैसे पुलिस, रोडवेज में ओर भी आरटीआई डाली गई है, ताकि सरकारी नौकरियों मे तैनात जाटों के पदों की पूरी जानकारी जुटाई जा सके। इसे वह समय आने पर मीडिया के सामने पेश करेंगे।