अनिश्चित कालीन धरने के दौरान बिगड़ी वृद्धों की हालत, रैफर

punjabkesari.in Thursday, Jan 23, 2020 - 11:49 AM (IST)

रतिया (झंडई) : पिछले 3 दिनों से मजदूरों की मांगों को लेकर इस ठिठुरती सर्दी में उप मंडलाधीश कार्यालय के समक्ष दिए जा रहे अनिश्चितकालीन धरने के दौरान बुधवार सुबह धरनास्थल पर बैठे 75 वर्षीय वृद्ध गांव बुर्ज निवासी दुधड़ राम व बादलगढ़ निवासी प्यारा सिंह की एकाएक हालत बिगड़ गई, जिन्हें एम्बुलैंस के सहयोग से रतिया के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया, बाद में हालत गंभीर होने के कारण चिकित्सकों ने अग्रोहा रैफर कर दिया।

उपरोक्त वृद्ध पिछले 3 दिनों से ही दिन-रात अपनी पैंशन के लिए धरने में शामिल हुए थे और रात्रि के समय अधिक ठंड के कारण उनकी हालत बिगड़ी थी। वृद्धों की हालत बिगडऩे की सूचना जैसे ही प्रशासन के समक्ष पहुंची तो उप मंडलाधीश सुरेंद्र बैनीवाल विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ धरनास्थल पर पहुंच गए और वह धरनास्थल पर बैठे मजदूरों की समस्याओं से अवगत हुए।

हालांकि धरनास्थल पर पहुंचे उप मंडलाधीश के समक्ष धरने का नेतृत्व करने वाले मजदूर नेताओं ने मजदूरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के वृद्धों को पैंशन न मिलने की समस्या को प्रमुखता से उठाया और यहां तक की मनरेगा के कार्य में भारी धांधली होने का आरोप भी लगाया। इस दौरान उप मंडलाधीश ने मजदूरों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी रमेश मिथलानी के अलावा समाज कल्याण विभाग व अन्य विभागों के अधिकारियों को धरनास्थल पर पहुंचकर उनकी समस्याओं का निदान करने का आदेश दे दिया, लेकिन इन आदेशों के पश्चात धरनास्थल पर बैठे मजदूरों ने अधिकारियों को काफी खरी-खोटी सुनाई।

अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के तत्वावधान में आयोजित अनिश्चितकालीन धरने के दौरान यूनियन के जिला प्रधान रामचंद्र सहनाल ने बताया कि रतिया इलाका आरक्षित होने की वजह से मजदूरों की संख्या बहुत ज्यादा है और वर्ष 2008 में जब मनरेगा जिले में शुरू हुआ था तो अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन ने गांव-गांव में जाकर जन जागरण अभियान चलाया था। उसी कारण रतिया ब्लॉक में मनरेगा का काम 20 करोड़ से ज्यादा होने लगा व मजदूरों की जेब में मजदूरी आने लगी और छोटे दुकानदारों का भी काम चलने लगा था लेकिन आज पिछले 5 वर्षों से मनरेगा अधिकारियों के भ्रष्ट व गलत रवैये के कारण मनरेगा का काम 5 करोड़ से ज्यादा नहीं हो रहा है, जिससे साफ नजर आ रहा है कि पिछले 5 वर्षों में मजदूरों का 75 करोड़ का नुक्सान किया है।

यदि इस मनरेगा को भाजपा सरकार व प्रशासन ने सही ढंग से लागू किया होता तो मजदूरों को आज रोजी-रोटी के लाले न पड़े होते। उन्होंने इस दौरान ए.बी.पी.ओ. के तुरंत तबादले की मांग को भी उठाया। इस धरने की अध्यक्षता कर रहे खेत मजदूर यूनियन के प्रधान वीर सिंह, किसान नेता मंगत राम, वीरपाल, प्रभु राम, कुलवंत कमाना, बलजीत सिंह, कश्मीर सिंह, छत्रपाल सिंह, मुख्त्यार सिंह व बूटा सिंह आदि ने भी संबोधित किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगों की तरफ ध्यान न दिया तो यह आंदोलन पूरे जिले में छेड़ा जाएगा तथा सभी गांवों में सरकार के पुतले फूंके जाएंगे।


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Isha

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