डिलीवरी के दौरान महिला की मौत, परिजनों ने लगाया डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप

9/25/2019 10:29:45 AM

टोहाना (वधवा): नागरिक अस्पताल में डिलीवरी के दौरान महिला की मौत होने पर परिजनों के साथ उग्र भीड़ ने जमकर हंगामा किया तथा डाक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाते हुए नागरिक अस्पताल परिसर में जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पीड़ित परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि अस्पताल में जमकर भ्रष्टाचार पनप रहा है और डाक्टरों की लापरवाही के कारण पहले भी इस तरह से कई महिलाओं की मौत के मामले बताए जा रहे हैं।

परिजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करने के साथ-साथ डाक्टर की बदली करने की मांग की है, वहीं डाक्टरों की संस्था आई.एम.ए. ने डाक्टर के साथ मारपीट होने पर रोष व्यक्त किया है और कार्रवाई की मांग की है। मामले की जानकारी मिलते ही फतेहाबाद से डिप्टी सी.एम.ओ. डॉ. हनुमान भी नागरिक अस्पताल में पहुंच गए।

यह था मामला
22 वर्षीय प्रियंका के पति विनोद कुमार ने बताया कि वे डिलीवरी के लिए सुबह लगभग 5 बजे अस्पताल में लेकर आए थे। 6.40 पर महिला की नॉर्मल डिलीवरी हुई। उस उपरांत महिला को ब्लीडिंग शुरू हो गई। नागरिक अस्पताल में ब्लड न होने के कारण वे बाहर से ब्लड लाए लेकिन महिला को रक्त नहीं चढ़ाया गया। लगभग 3 घंटे तक महिला तड़पती रही।

इस दौरान महिला का ब्लड प्रैशर भी काफी बढ़ गया और बार-बार डाक्टर को बुलाने के बावजूद उन्होंने कोई गौर नहीं किया। डाक्टर तब उसे देखने आए जब महिला पूरी तरह से सीरियस हो चुकी थी और उसे आते ही रैफर कर दिया गया। वे उसे नजदीक निजी अस्पताल में ले गए, जहां जाते ही डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया अगर डाक्टर मौके पर ही इलाज शुरू कर देते तो शायद महिला की जान बच जाती।

डाक्टर क्या जाने महिला का दर्द
मृतक महिला की सास लक्ष्मी ने आंसू पोंछते हुए कहा कि महिला के दर्द का इन डाक्टरों को क्या पता है कि वे किस तरह से ब४चे को 9 महीने पेट में पालकर किस तरह से पीड़ा सहन करती है। डाक्टरों की थोड़ी सी थोड़ी सी लापरवाही महिला के लिए किस तरह से मौत का कारण बन सकती है। उन्होंने इस तरह के डाक्टरों पर लगाम लगाने की मांग की है।

भड़की भीड़ ने किया हंगामा
डाक्टरों पर लगी लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप में भीड़ ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान भीड़ के कुछ लोगों ने डाक्टर सचिन व एस.एम.ओ. डा. हरविंद्र के साथ मारपीट भी की और डाक्टरों की लापरवाही के रोष स्वरूप अस्पताल के बाहर नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस को सूचना मिलते ही डी.एस.पी. के नेतृत्व में पुलिस बल नागरिक अस्पताल में पहुंच गया और मामला शांत करवाने का प्रयास किया। भड़की भीड़ शांत नहीं हो पा रही थी और बार-बार अस्पताल की ओर बढ़ रहे थे।

अस्पताल की करनी पड़ी सुविधाएं बंद
गंभीर मामले को देखते हुए अस्पताल की सेवाएं पूर्ण रूप से बंद कर दी गई। सभी कर्मचारी बंद कमरों में जाकर बैठ गए और व्यवस्था ठप्प होकर रह गई। इस दौरान आए अनेक मरीजों को मजबूरन बिना दवाई लिए वापस लौटना पड़ा। दवाई कक्ष भी बंद कर दिया गया और पुलिस बल ने अस्पताल को पूरी तरह से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर घेर लिया। क्रोधित भीड़ बार-बार अस्पताल की ओर बढ़ती और पुलिस द्वारा में शांत करवाया जाता।
 

Isha