स्कूलों में करोड़ों की लागत से बन रहे 114 कमरे व 42 शौचालय

1/21/2018 1:35:33 PM

पिनगवां(ब्यूरो): इस बार गर्मी के मौसम में स्कूली बच्चों को खुले आसमान के नीचे नहीं बैठना पड़ेगा। जिले के स्कूलों में कमरों की कमी को देखते हुए विभिन्न स्कूलों में 114 कमरे बनाए जा रहे हैं। कमरों के निर्माण के लिए विभाग द्वारा कमरों की लागत की 75 प्रतिशत राशि की पहली किस्त संबंधित स्कूलों के खातों में भेज दी गई है। जबकि बची हुई 25 प्रतिशत की राशि कमरों के निर्माण के बाद के कार्यों के लिए दूसरी किस्त के रूप में दी जाएगी। योजना को लेकर संबंधित शिक्षकों ने अपने-अपने स्कूलों में कमरों का निर्माण कार्य शुरू करा दिया है। उम्मीद है कि आगामी 2 माह में सभी कमरें बनकर तैयार हो जाएंगे।

इन कमरों में बच्चे बैठकर अपनी पढ़ाई पूरी कर पाएंगे।  शिक्षा विभाग के एसडीओ अकरम खान ने बताया कि जिले के स्कूलों में 114 कमरों के साथ ही विकलांग व गल्र्स के 42 शौचालय बनाए जा रहे हैं। जिनका निर्माण कार्य तेल गति से चल रहा है। निर्माण कार्य स्कूल के शिक्षकों द्वारा कराया जा रहा है, जबकि समय-समय पर निर्माण कार्य को चैक किया जा रहा है। आगामी सत्र को देखते हुए पूरा प्रयास किया जा रहा है कि कमरों का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा कराया हो सके, ताकि अगले सत्र में ही बसों इन कमरों में बैठकर शिक्षा ग्रहण कर सके।

साढ़े 4 करोड़ हो रहे खर्च: विभाग के अधिकारियों के अनुसार 114 कमरों पर 42921000 की राशि खर्च की जा रही है। प्रति कमरें के  निर्माण के 76500 रुपये की राशि खर्च की जा रही है। कुल लागत के 75 प्रतिशत राशि से कमरों का निर्माण कराया जा रहा है जबकि बची हुई 25 प्रतिशत राशि को कमरें के पेंट से लेकर बिजली की फिटिंग आदि पर खर्च किया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में कमरें बनाने के साथ ही विकलांगों व छात्राओं के लिए अलग-अलग 42 शौचालय भी बनाए जा रहे हैं। विकलांगों के लिए प्रति शौचालय पर 75000 व छात्राओं के लिए बनाए जा रहे प्रति शौचालयों पर 1 लाख रूपये की राशि खर्च की जा रही है। सरकारी स्कूलों में कमरों के निर्माण के बाद न केवल बच्चे छत के नीचे पढ़ पाएंगे बल्कि अभिभावकों का भी सरकारी स्कूलों के प्रति रूझान बढ़ेगा। जिससे ग्रामीण स्तर पर भी शिक्षा का स्तर सुधर पाएगा।

अनूप जाखड़, डीपीसी नूंह
स्कूलों में बनने वाले कमरों का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। जिसके लिए लागत की 75 प्रतिशत राशि स्कूलों के खातों में पहले ही भेज दी गई है, जल्द ही निर्माण कार्यों को पूरा करा दिया जाएगा।