3 करोड़ का बंगला और 2 एसयूवी कारों की मालिकन, ठेली लगा बेच रही छोले-कुल्चे

8/4/2016 7:59:00 PM

गुडग़ांव: क्या आप कभी यह सोच सकते हैं कि जिस महिला के ठेले से आप छोले कुल्चे खरीदकर खा रहे हैंं वह महिला 3 करोड़ के बंगले में रहते है। नहीं न! आप क्या कोई भी नहीं सोच सकता। अगर सोचंगे तो यही कि वह निम्न वर्ग या मध्यम वर्ग के परिवार से ताल्लुक रखती होगी। गुडग़ांव की रहने वाली 34 साल की उर्वशी यादव परिवार के लिए सड़क के किनारे रेहड़ी पर छोले-कुल्चे और परांठे बेचती हैं। गुडग़ांव में उर्वशी का जो घर है उसकी कीमत 3 करोड़ है। उनके पास अपनी 2 एसयूवी कारें भी हैं। 
 
क्या था मामला
कुछ समय पहले उनके पति दुर्घटना के शिकार हो गए। 6 साल में उनके साथ हुआ यह दूसरा हादसा था। डॉक्टरों ने कहा कि उनके कूल्हे रिप्लेस करने होंगे। इस हादसे के बाद पति के इलाज में लगने वाले खर्च और परिवार की जिम्मेदारियों में हाथ बंटाने के लिए उर्वशी ने कमाने की सोची और एक नर्सरी स्कूल में शिक्षिका का काम करने लगीं लेकिन अब छोले कुल्चे बेचती हैं।
 
उर्वशी बताती हैं कि आज हमारी आर्थिक स्थिति खराब नहीं है, लेकिन मैं भविष्य का जोखिम नहीं ले सकती। मुझे लगा कि स्कूल टीचर बनकर मैं खास बचत नहीं कर सकती। चूंकि मुझे खाना बनाना पसंद है, तो मैंने सोचा कि इसी में निवेश करूं। उर्वशी के पति अमित यादव एक बड़ी निर्माण कंपनी में ऐग्जिक्युटिव हैं। उनके ससुर भारतीय वायुसेना ने रिटायर्ड कमांडर हैं। उर्वशी के 2 बच्चे हैं।
 
रोज कमाती हैं ढाई से 3 हजार
दोपहर की तपाने वाली गर्मी हो या बरसात, उर्वशी अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अपना काम बड़ी तल्लीनता से कर रही हैं। उर्वशी को यह काम शुरू किए 45 दिन हो गए हैं। वह गुडग़ांव सेक्टर 14 में एक पीपल के पेड़ के नीचे सुबह 8.30 से शाम 4.30 तक अपनी रेहड़ी लगाती हैं। उर्वशी बताती हैं कि उन्हें यह सोचकर डर लगता है कि किसी दिन पैसे की तंगी के कारण उनके बच्चों को स्कूल बदलना पड़े। आज वह रोजाना 2,500 से 3,000 रुपये कमा लेती हैं और अपनी कमाई से खुश हैं।
 
फेसबुक पर बनाया पेज
फेसबुक पर ‘सोल स्टिरिंग्स बाय सोनाली’ नाम के एक पेज पर उर्वशी के स्टॉल के बारे में पोस्ट आया। इसके बाद उनकी रेहड़ी काफी लोकप्रिय हो गई है। उनके पास आने वाले ग्राहकों की संख्या काफी बढ़ गई है। इस पोस्ट को 27,000 से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं। इसे 9,000 से भी ज्यादा बार शेयर किया गया है।
 
एयर कंडीशन में रहने वाली महिला के लिए है एक चुनौती
उर्वशी कहती हैं कि हमेशा एयर कंडीशन में रहने वाली महिला के लिए यह एक बड़ी चुनौती थी। शुरू में परिवार के लोग मेरे इस फैसले के साथ नहीं थे। मुझे खाना बनाना तो आता था, लेकिन सड़क के किनारे ग्राहकों से निपटना मेरे लिए बड़ी चुनौती थी। खुद को मिल रहे समर्थन के बाद अब उर्वशी का आत्मविश्वास और बढ़ गया है। वह फूड ट्रक खरीदने और अपना रेस्तरां शुरू करने का सपना संजो रही हैं।