आर्टेमिस हॉस्पिटल ने लॉन्च किया उत्तर भारत का प्रीमियर हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट सेंटर
punjabkesari.in Thursday, Sep 18, 2025 - 08:15 PM (IST)

गुड़गांव, ब्यूरो : आर्टेमिस हॉस्पिटल ने आज अपने आधुनिक हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट सेंटर (हृदय एवं फेफड़ा प्रत्यारोपण केंद्र) का उद्घाटन किया। हैदराबाद के केआईएमएस हॉस्पिटल्स में थोरेसिक ऑर्गन ट्रांसप्लांट्स एंड मैकेनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट के फाउंडर-डायरेक्टर एवं चेयरपर्सन डॉ. संदीप अतवार इस सेंटर की जिम्मेदारी संभालेंगे। इस सेंटर के माध्यम से उत्तर भारत में थोरेसिक ट्रांसप्लांट और मैकेनिकल सपोर्ट की पूरी रेंज उपलब्ध कराई जाएगी। इससे गुरुग्राम और आसपास के लोगों को दक्षिण भारत तक जाए बिना ही हाई क्वालिटी ट्रांसप्लांट केयर मिल पाएगी। इस सेंटर के माध्यम से आर्टेमिस का लक्ष्य हरियाणा, दिल्ली एनसीआर, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के ऐसे मरीजों को जांच से लेकर लॉन्ग-टर्म रिकवरी तक के पूरे एडवांस्ड केयर का सिंगल पॉइंट विकल्प देना है, जिन्हें ट्रांसप्लांट की जरूरत है।
आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के चेयरमैन ओंकार एस. कंवर ने कहा, ‘आर्टेमिस ने हमेशा से इस बात में विश्वास किया है कि एडवांस्ड हेल्थकेयर को सभी मरीजों की पहुंच में और सार्थक होना चाहिए। गुरुग्राम में हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट सेंटर की स्थापना करते हुए हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि उत्तर भारत के परिवारों को ट्रांसप्लांट के लिए लंबे सफर की परेशानियों का सामना न करना पड़े। सबसे अहम बात, हमारा लक्ष्य केवल सर्वाइवल तक सीमित नहीं है, हम सम्मान, उम्मीद और जीवन की गुणवत्ता के लिए प्रयास करते हैं।’ सेंटर के उद्घाटन के दौरान उपस्थित आर्टेमिस हॉस्पिटल्स की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. देवलीना चक्रवर्ती ने कहा, ‘उत्तर भारत में ट्रांसप्लांट के मामले में इस स्तर की विशेषज्ञता की पेशकश करते हुए आर्टेमिस हॉस्पिटल को खुशी हो रही है। हमें भरोसा है कि यह केंद्र हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर और आसपास के राज्यों के लोगों के लिए जीवनरक्षक बनकर सामने आएगा। अभी ऐसे मरीजों को हार्ट एवं लंग ट्रांसप्लांट केयर के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है।
इसलिए है महत्वपूर्ण
उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत के जिन मरीजों को हार्ट या लंग ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, उन्हें इलाज के लिए दक्षिण भारत के कुछ प्रमुख केंद्रों तक जाना पड़ता है। आर्टेमिस हॉस्पिटल के इस नए सेंटर से अब उनके लिए कम सफर और कम लागत में एक्सपर्ट केयर पाना संभव होगा। अब उनके लिए फॉलो-अप भी आसान होगा। यह सेंटर इस मामले में भी अनूठा है कि मरीज एक साथ दो राज्यों में रजिस्टर कर सकते हैं। इससे डोनर्स के लिए भी मरीजों तक पहुंच आसान होगी और सही समय पर ट्रांसप्लांट की संभावना बढ़ जाएगी। डॉ. संदीप अतवार ने कहा, ‘अब तक एंड स्टेज हार्ट या लंग डिसीज का सामना कर रहे उत्तर भारत के बहुत से मरीजों के पास स्थानीय स्तर पर बहुत कम विकल्प थे। आर्टेमिस हॉस्पिटल में हम दिल्ली से गुरुग्राम की नजदीकी और यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर के लॉजिस्टिकल, जियोग्राफिकल और इंस्टीट्यूशनल एडवांटेज के साथ फुल ट्रांसप्लांट प्रोग्राम उपलब्ध कराएंगे, जिससे देरी नहीं होगी, ट्रैवल का दबाव कम होगा और नतीजे बेहतर होंगे। डॉ. संदीप अतवार के पास पूरे भारत में हार्ट एवं लंग ट्रांसप्लांट प्रोग्राम को स्थापित एवं संचालित करने का एक दशक से अधिक का अनुभव है। केआईएमएस हैदराबाद में उनकी टीम ने 650 से ज्यादा थोरेसिक ऑर्गन ट्रांसप्लांट किए हैं, जिनमें करीब 479 डबल-लंग ट्रांसप्लांट, 127 हार्ट ट्रांसप्लांट और 58 कम्बाइंड हार्ट-लंग ट्रांसप्लांट शामिल हैं। उन्होंने 58 एलवीएडी इम्प्लांट भी किए हैं। ग्लोबल ट्रांसप्लांट सोसायटी में उनके नेतृत्व और उनकी सक्रिय भूमिका को देखते हुए यह नया केंद्र बेहतर नतीजे देने और इस क्षेत्र में ट्रांसप्लांट को लेकर जागरूकता बढ़ाने में सक्षम होगा।
भारत में ट्रांसप्लांट की स्थिति
पिछले कुछ दशक में भारत ने थोरेसिक ट्रांसप्लांट के मामले में सतत प्रगति की है। इंडियन हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट रजिस्ट्री ने मार्च, 2023 तक 1,328 हार्ट ट्रांसप्लांट और 475 लंग ट्रांसप्लांट के मामले दर्ज किए थे। देशभर में 70 से ज्यादा प्रमाणित केंद्र हैं, जो इन ट्रांसप्लांट में सहयोग करते हैं। 2023 में 129 लंग और 102 हार्ट ट्रांसप्लांट के साथ कुल 231 हार्ट एवं लंग ट्रांसप्लांट किए गए। 2024 में यह संख्या और बढ़ गई। हार्ट ट्रांसप्लांट के 85 प्रतिशत मरीजों में और लंग ट्रांसप्लांट के 85 प्रतिशत मरीजों में 1 साल से अधिक का सर्वाइवल देखा गया है। लिविंग डोनर प्रोग्राम्स के मामले में उत्तर भारत ने अच्छा काम किया है, जो यहां बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर की मौजूदगी दिखाता है। हालांकि दक्षिण एवं पश्चिम भारत की तुलना में डिसीज्ड डोनेशन (मृतकों के अंगदान) के मामले में अभी उत्तर भारत पीछे है।
आर्टेमिस हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट सेंटर में हार्ट, लंग और हार्ट-लंग ट्रांसप्लांट जैसी एडवांस्ड सर्विसेज की पूरी रेंज उपलब्ध होगी। यहां ट्रांसप्लांट होने तक अस्थायी समाधान के तौर पर या लॉन्ग टर्म ट्रीटमेंट के तौर पर ईसीएमओ और एलवीएडी डिवाइसेज जैसे मैकेनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट की सुविधा भी उपलब्ध होगी। मरीजों को एडवांस्ड हार्ट फेल्योर और टर्मिनल लंग डिसीज के मामले में प्री-ट्रांसप्लांट इवैल्यूएशन और ट्रांसप्लांट के बाद रीहैबिलिटेशन व लंबी अवधि के फॉलो अप समेत पूरी केयर मिलेगी। इससे ट्रांसप्लांट के बाद सुगम जीवन संभव होगा। इस सेंटर में मल्टी-स्टेट ट्रांसप्लांट लिस्टिंग, मरीजों एवं उनके परिवारों को समझाने और ट्रांसप्लांट के लिए समन्वय स्थापित करने के लिए हफ्ते में सातों दिन 24 घंटे सहायता प्रदान की जाएगी। यह सेंटर अपने पहले साल में ही दहाई अंकों में ट्रांसप्लांट करते हुए उत्तर भारत के टॉप रीजनल हब के रूप में स्वयं को स्थापित करना और ग्लोबल स्टैंडर्ड एवं रिजल्ट के लिए स्थानीय विकल्प बनना चाहता है।