नई वैट नीति वापिस लेने की मांग

9/22/2015 8:39:30 PM

गुडग़ांव, (अशोक): प्रदेश सरकार ने जो नई वैट नीति की घोषणा की है, उसका उद्यमियों द्वारा विरोध होना भी शुरु हो गया है। उद्यमी लामबंद होने लगे हैं। उद्यमियों का प्रतिनिधित्व करने वाली गुडग़ांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआईए) ने बैठक कर नई वैट नीति को प्रदेश के उद्योगों के लिए ठीक नहीं बताया। उनका मानना है कि इस नीति से ओद्यौगिक विकास प्रभावित होगा। 

बैठक को संबोधित करते हुए जीआईए के अध्यक्ष बीपी बजाज ने कहा कि नई वैट नीति से चीजें महंगी होंगी, जिसका सीधा असर उपभोक्ता और उद्योगों पर पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नीति की घोषणा से पूर्व प्रदेश का व्यापारी दूसरे प्रदेशों में 2 प्रतिशत टैक्स लगाकर बेचता था, लेकिन अब जितना टैक्स देकर व्यापारी हरियाणा के भीतर खरीदेगा, उतना ही टैक्स लगाकर दूसरे राज्यों के व्यापारियों को बेचना होगा। इस प्रकार चीजों की कीमत बढ़ जाएगी। 
संस्था के महासचिव एनपी सिंह, एसबी अग्रवाल व अरुण अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार की नई नीति से दूसरे राज्यों के व्यापारी माल लेने में संकोच करेंगे। जिससे छोटी बड़ी सभी ओद्यौगिक इकाइयों को भी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। संस्था के सदस्यों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि घोषित की गई नई वैट नीति को वापिस लिया जाए, ताकि ओद्यौगिक संस्थानों का विकास हो सके।