अशोकनगर जिला बनेगा देश का पहला कुपोषण मुक्त जिला: कलेक्टर आदित्य सिंह की अनोखी पहल ''हृदय अभियान'' की शुरुआत
punjabkesari.in Friday, Sep 12, 2025 - 08:13 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में कुपोषण के खिलाफ एक क्रांतिकारी अभियान की शुरुआत हुई है। जिला कलेक्टर आदित्य सिंह के नेतृत्व में 'हृदय अभियान' का शुभारंभ किया गया, जो स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा को जोड़कर जिले को कुपोषण मुक्त बनाने का लक्ष्य रखता है। यह अभियान देश में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जहां मोरिंगा जैसे सुपरफूड का उपयोग कर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण प्रदान किया जाएगा। कलेक्टर सिंह, जो पहले हरदा जिले में कुपोषण के खिलाफ सफल पायलट प्रोजेक्ट चला चुके हैं, अब पूरे जिले को अंतरराष्ट्रीय स्तर की जांच से कुपोषण मुक्त घोषित करने का बीड़ा उठाया है। कुपोषण की समस्या भारत में गंभीर रूप धारण कर चुकी है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, देश में 5 वर्ष से कम उम्र के लगभग 44% बच्चे underweight है, जबकि मध्य प्रदेश में यह आंकड़ा 26.21% तक पहुंच गया है। राज्य में गंभीर कुपोषण की दर 7.79% है, जो राष्ट्रीय औसत 5.40% से अधिक है। मध्य प्रदेश में ही 1.36 लाख से अधिक बच्चे कुपोषित हैं, जिनमें 29,830 बच्चे गंभीर रूप से प्रभावित हैं। इन आंकड़ों को देखते हुए कलेक्टर सिंह ने 'हृदय अभियान' को डिजाइन किया है, जो मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर फोकस करता है। अभियान के तहत कुपोषित बच्चों का सर्वेक्षण कर उनका चिन्हांकन किया गया है, और सभी विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है। समाजसेवियों की टीमें उन क्षेत्रों में पहुंचेंगी जहां कुपोषण की दर अधिक है, और स्वास्थ्य, स्वच्छता तथा पोषण संबंधी जानकारी प्रदान की जाएगी।
अभियान की सबसे अनोखी विशेषता मोरिंगा का उपयोग है। मोरिंगा, जिसे 'मिरेकल ट्री' भी कहा जाता है, एक सुपरफूड है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन A, C, आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम की प्रचुर मात्रा होती है– उदाहरण के लिए, मोरिंगा की पत्तियों में पालक से 9 गुना अधिक आयरन और ओट्स से 4 गुना अधिक फाइबर होता है। यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से युक्त है, जो कुपोषण से होने वाली बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। कलेक्टर सिंह ने बताया कि मोरिंगा से बने चॉकलेट फ्लेवर वाले उत्पाद बच्चों को दिए जाएंगे, जो उन्हें पसंद आएंगे और कुपोषण को तेजी से कम करेंगे। हरदा जिले में उनके नेतृत्व में चलाए गए पायलट प्रोजेक्ट में मोरिंगा के उपयोग से 99% बच्चे कुपोषण मुक्त हो चुके हैं, और अब अशोकनगर में इसे पूरे जिले पर लागू किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं को पोषण किट वितरित की गईं, जिसमें मोरिंगा-आधारित उत्पाद शामिल हैं, ताकि नवजात शिशुओं में कुपोषण की शुरुआत ही रोकी जा सके । कलेक्टर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "कुपोषण एक सामाजिक जंग है, और हम इसे हर हाल में जीतेंगे। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से जांच करवाकर अशोकनगर को देश का पहला कुपोषण मुक्त जिला घोषित करेंगे।" उन्होंने सभी विभागों को एकजुट कर इस अभियान को सफल बनाने की अपील की। अभियान के तहत सामाजिक व्यवस्था में सुधार लाए जाएंगे, और समाजसेवियों की टीमें घर-घर जाकर जागरूकता फैलाएंगी।
इसके अलावा, जिला प्रशासन ने 'रेवा शक्ति अभियान' और 'एकल सेवा पोर्टल' भी लॉन्च किए हैं। रेवा शक्ति अभियान का उद्देश्य बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जिले के घटते लिंग अनुपात (887) को बढ़ाना है, जहां एक या दो बालिकाओं वाले परिवारों को कीर्ति कार्ड और विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। एकल सेवा पोर्टल नागरिकों को सरकारी सेवाओं और शिकायतों के समाधान के लिए एकल प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा। इन अभियानों का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रिमोट से किया, और उन्होंने कलेक्टर सिंह की सराहना की। कार्यक्रम में कीर्ति कार्ड, रेवा मित्र कार्ड और पोषण किट का वितरण किया गया। मुंगावली विधायक बृजेंद्र सिंह यादव, नगरपालिका अध्यक्ष नीरज मनोरिया, पूर्व विधायक जजपाल सिंह जज्जी, पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा सहित जनप्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित रहे। कलेक्टर आदित्य सिंह की यह पहल न केवल अशोकनगर बल्कि पूरे मध्य प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा में एक मिसाल बनेगी। यदि अन्य जिलों के कलेक्टर इससे प्रेरणा लें, तो मध्य प्रदेश, जो वर्तमान में कुपोषण में देश में दूसरे स्थान पर है, जल्द ही कुपोषण मुक्त राज्य बन सकता है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का एक जीवंत उदाहरण है।