गुडग़ांव मिनी चाणक्य काे मिली पीएचडी की मानद उपाधि

10/6/2015 6:32:26 PM

गुडग़ांव, (ब्यूरो) : करनाल के मिनी चाणक्य द्वारा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के बाद अब एक और मिनी चाणक्य गुडग़ांव में उभर कर सामने आया है। महज साढ़े तीन साल की उम्र में पीएचडी की मानद उपाधि पाना असम्भव सा लगता है, लेकिन गुडग़ांव के एक असाधारण प्रतिभा के धनी ‘विभोर’ को इसकी उपाधि मिली है।

मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे विभोर सामान्य तौर पर अधिकतर सवालों के जवाब दे सकता है। गायत्री मंत्र, सरस्वती वंदना, ग्रहों के नाम के अलावा कई ऐतिहासिक धरहरों, प्राचीन स्थलों के नाम इसकी जुबां पर हैं। इसकी असाधारण प्रतिभा को देखते हुए इसी साल विभोर का नाम शुरूआत में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। गुडग़ांव के आरडी सिटी के रहने वाले अमित सिंगला और इशा सिंगला का होनहार बेटा विभोर दुनिया के नक्शे पर हर देश, राज्य को पहचान सकता है। विभोर की मां ने बताया कि विभोर का नाम इसी साल क्रमश: मार्च व मई में दुनिया के 196 देशों के बारे में बताने, पीरियोडिक टेबल याद करने में, कारों के नाम बताने व लोगों की पहचान करने वाले बच्चे के तौर वल्र्ड रिकार्ड इंडिया में दर्ज किया गया है। तकनीकी के बारे में विभोर को पूरा ज्ञान है। कंप्यूटर पर भी इसकी अच्छी पकड़ है। विभोर की काबिलियत यह है कि वह दोनों हाथों का प्रयोग लिखने में एक समान करता है। फिलहाल विभोर प्ले स्कूल मेें जाता है, लेकिन यह अपने से बड़ी कक्षाओं की किताबें आसानी से पढ़ लेता है। अनोखी प्रतिभा रखने वाले विभोर को गणित, हिन्दी, तकनीक और दूसरी भाषाओं का भी ज्ञान है।