विरोध के कारण बैंरग लौटा तोड़-फोड़ करने पहुंचा दस्ता

12/22/2015 5:26:37 PM

मानेसर,(राजेश): गांव के रिहायशी मकानों व दुकानों को तोडऩे का इरादे लेकर पूरे दल-बल से पहुंचे जिला प्रशासन के मनसूबों पर ग्रामीणों ने पानी फेर दिया। मंगलवार सुबह ही थाना प्रभारी,सैकड़ों पुलिस जवानों और पटवारी को अपनेे साथ लेकर मानेसर मेन बस अड्डे पर पहुंचे। तहसीलदार ने जेसीबी से दुकानों और मकानों को तुड़वाना शुरू कर दिया। कई बार हाइवे को चौड़ा करने के कारण अपने मकान व दुकानों की बलि चढ़ा चुके ग्रामीण इस बात की खबर लगते ही इकट्ठे हो गए। गामीणों ने आते ही तोड़-फोड़ कर रही जेसीबी को बंद करा दिया। 

तहसीलदार का घेराव कर जब बिना मुआवजे मकान व दुकान तोडऩे की वहज ग्रामीणों ने तहसीलदार से पूछी तो कोई जवाब तहसीलदार ने नहीं दिया। गुस्साए ग्रामीणों ने बिना मुआवजा दिए हुई इस तोड़-फोड़ की कार्रवाई पर जबरदस्त रोष प्रकट किया इससे तहसीलदार को बैरंग ही लौटना पड़ा । ग्रामीणों ने तहसीलदार के साथ आए टाउन प्लानर को बताया कि हाइवे पर बने बहुत से रिहायशी मकान ध्वस्त किए जा रहे हैं, उनके मलिकों के पास ना तो गांव में ही कोई दूसरी जगह रहने के लिए है और ना ही उन्हें सरकार की तरफ से कोई मुआवजा दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि अपनी दुकानों और मकानों को बिना मुआवजा लिए कतई नहीं तोडऩे देंगे। तहसीलदार के साथ पुलिस बल लेकर आए एसएचओ जगदीश प्रसाद से ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस भी बेबस ग्रामीणों पर लाठियां डंडे लेकर आ गई मुआवजे की फूटी कौड़ी भी नहीं मिली। थाना प्रभारी ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई करने से पहले ग्रामीणों को मुआवजा देना चाहिए था।

तहसीलदार नीतू धनखड़ का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई में हमारा कोई लेना देना नहीं। ऊपर से आदेश हुआ तो हम तोड़-फोड़ करने पहुंच गए और गुस्साए ग्रामीणों को देख वापस आने को कहा तो वापस आ गए।