भाजपा विधायक के सेक्टर में पानी को लेकर हाहाकार, बूस्टिंग स्टेशन पर प्रदर्शन

4/29/2016 2:31:14 PM

गुड़गांव (राशि मनचंदा): पानी के लिए फूट रहा आम जनता का यह आक्रोश न तो महाराष्ट्र के लातूर का है और न ही देश सुखागर्स्त इलाके का बल्कि पानी लिए अधिकारियों से जद्दोजहद करते यह लोग सायबर सिटी के पॉश इलाके सेक़्टर 5 के है। यहां के लोगों और महिलाओं की माने तो गुडगांव से सेक़्टर 5 में पिछले एक हफ्ते से पानी की भारी किल्लत से जूझना पड रहा है। 
 
 
पानी न होने से उन्हें टेंकरों से पानी मंगवाना पड़ता है, जो की तकरीबन एक से डेढ़ हज़ार का पड़ता है। यहां आपको यह बताना भी जरुरी हो जाता है की सेक़्टर 5 में ही भाजपा के विधायक उमेश अगरवाल का भी निवास स्थान है वो उमेश अगरवाल जो की प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों से जीत कर आए थे। जिन्होंने गुडगांव की जनता को जीतने के बाद आश्वस्त किया था की उनका पहला कर्तव्य आम जनता को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाना होगा लेकिन अपने इलाके की समस्या को सुलझाने विधायक जी अपना कर्त्वय कितनी संजीदगी के साथ निभा रहें हैं। सेक़्टर आर डब्ल्यू और स्थानीय लोगों ने हुडा में बूस्टिंग स्टेशन का न केवल घेराव किया बल्कि यहां पहुंचे जिला प्रशासन के अधिकारीयों को भी लोगो के आक्रोश का सामना करना पड़ा। 
 
 
वहीं इस मामले में लोगो को समझाने पहुंचे जिला प्रशासन के अधिकारी लोगों के सामने ही एक दूसरे से उलझ पड़े और एक दूसरे पर दोषारोपण करने लगे जिससे एक बार तो वहां की स्थित को सम्भालना काफी मुश्किल हो गया। 
 
 
वहीं सेक़्टर 5 की आर.डब्ल्यू.ए की प्रधान मीनू सिंह और यहां के लोगों की मानें तो बीते एक हफ्ते से जैसे ही गर्मी बढ़ने लगी है वैसे ही पानी की भारी किल्लत का सामना सेक़्टर वासियों और आस पास के इलाकों को करना पड़ रहा है। जिसकी  शिकायत समय-समय पर जिला प्रशासन के अधिकारीयों को भी दी गई, लेकिन उनकी समस्याओं का निपटारा अभी तक भी नहीं हुआ। जिसके करना उन्हें पालम विहार चौक पर स्थित बूस्टिंग स्टेशन का घेराव करना पड़ा लेकिन यहां पहुंचे अधिकारी भी उनकी इस समस्या को लेकर सिर्फ आश्वासन ही दे रहे हैं। 
 
 
मीनू सिंह की माने तो भाजपा विधायक को इसकी जानकारी दी गई थी लेकिन वो फिलहाल चंडीगढ़ में है और आने के बाद समस्या के समाधान का आश्वास दे रहें हैं ।
 
 
अब सवाल यह भी है की विधायक जी खुद चंडीगढ़ में है और पानी को लेकर प्रशासनिक अधिकारीयों की मुस्तैदी आप साफ़ तौर से देख सकते है। ऐसे में लाखों रूपए का हाउसटैक्स देने के बाद भी जनता जाए तो जाए कहा ।