दिल्ली ब्लास्ट: एक सप्ताह में नूंह जिले से अब तक पांच संदिग्ध गिरफ्तार
punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 07:40 PM (IST)
नूंह, ब्यूरो : दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद हरियाणा का नूंह जिला जांच एजेंसियों की कड़ी निगरानी में आ गया है। एक सप्ताह के भीतर यहां से पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया जा चुका है। इन संदिग्धों में तीन एमबीबीएस डॉक्टर, एक खाद विक्रेता और एक स्थानीय इमाम शामिल बताए जा रहे हैं। लगातार चल रही कार्रवाई ने पूरे जिले में दहशत और तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक लोग खौफ के साए में हैं और जांच एजेंसियों की बढ़ी गतिविधियों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। गुरुवार देर रात फिरोजपुर झिरका क्षेत्र में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने दो और मेडिकल छात्रों को हिरासत में लिया। ये दोनों अल-फलाह यूनिवर्सिटी (फरीदाबाद) में पढ़ाई कर रहे थे।
हिरासत में लिए गए युवकों की पहचान सुनहेड़ा निवासी डॉ. मुस्तकीम और अहमदबास निवासी डॉ. मोहम्मद के रूप में हुई है। सूत्रों के अनुसार, डॉ. मुस्तकीम ने चीन से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी और 2 नवंबर को अल-फलाह यूनिवर्सिटी में अपनी इंटर्नशिप पूरी की थी। वहीं डॉ. मोहम्मद भी अल-फलाह से ही एमबीबीएस कर रहे थे और इंटर्न के रूप में सेवाएं दे रहे थे। सूत्रों का दावा है कि दोनों युवकों के संदिग्ध आतंकी उमर से परिचय और करीबी संबंध थे। उमर की कार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर लगे सीसीटीवी कैमरों में दर्ज हुई थी और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। इसी वीडियो के बाद उमर की गतिविधियों को लेकर जांच तेज हो गई थी। इससे पहले नूंह से एक अन्य डॉक्टर और एक खाद विक्रेता को भी पूछताछ के लिए उठाया गया था। खाद विक्रेता के बारे में शक है कि उसने अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री की थी, जिसे विस्फोटक बनाने में उपयोग किया जाता है। कुछ दिन पहले नूंह शहर से डॉ. रिहान को भी हिरासत में लिया गया था। रिहान तावडू के एक निजी अस्पताल में कार्यरत थे और उन्होंने भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी। लगातार डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों पर हो रही कार्रवाई से मेवात क्षेत्र में अभिभावकों की चिंताएं बढ़ गई हैं। यहां बड़ी संख्या में छात्र अल-फलाह यूनिवर्सिटी में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और इन घटनाओं के बाद वातावरण तनावपूर्ण हो गया है।
दो बार सुनहेड़ा गांव पहुंची जांच टीम:
डॉ. मुस्तकीम के परिजनों ने बताया कि गुरुवार को फरीदाबाद सीआईए की टीम उन्हें पूछताछ के लिए लेकर गई। परिजनों के अनुसार दिल्ली ब्लास्ट के बाद दो बार जांच अधिकारी सुनहेड़ा गांव पहुंचे थे। पहली बार आने पर उन्होंने कई घंटों तक मुस्तकीम से आमने-सामने पूछताछ भी की, हालांकि उस समय उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया था। गुरुवार को एजेंसियां दोबारा गांव पहुंचीं और उन्हें साथ ले गईं। परिवार का कहना है कि मुस्तकीम का व्यवहार हमेशा से अच्छा रहा है और वह किसी भी गलत गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते। परिजनों ने यह भी बताया कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी का असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. उमर उनका जानकार था और वे अक्सर स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए उससे फोन पर संपर्क करते थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके संबंध केवल चिकित्सकीय और पारिवारिक स्तर तक सीमित थे तथा किसी गैरकानूनी गतिविधि से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
राजनीतिक और शिक्षित परिवार से हैं डॉ. मोहम्मद:
फिरोजपुर झिरका के अहमदबास निवासी डॉ. मोहम्मद का परिवार क्षेत्र में जाना-पहचाना और सम्मानित माना जाता है। उनका परिवार शिक्षित और राजनीतिक पृष्ठभूमि वाला है और समाज में उसकी अच्छी पकड़ है। उनकी हिरासत की खबर फैलते ही इलाके में सन्नाटा छा गया है। परिजन और रिश्तेदार किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं और घर के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ है।
नूंह में की जा रही लगातार छापेमारी:
एनआईए, दिल्ली पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियां इन दिनों नूंह जिले में सक्रिय हैं। शुक्रवार को भी कई स्थानों पर जांच टीमें पहुंचीं और लोगों से पूछताछ की। कई घरों में तलाशी ली गई और युवाओं के मोबाइल, लैपटॉप व अन्य दस्तावेजों की जांच की गई। एजेंसियां इलाके में संभावित नेटवर्क की तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं, क्योंकि जांच कई सुरागों पर आगे बढ़ रही है। पूरा जिला फिलहाल तनाव की स्थिति में है। लोग प्रशासन से स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं, जबकि अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा और भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं। जांच एजेंसियां अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ा रही हैं और जिले में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया गया है।