जिले में हर माह 20 लाख का बिक रहा पेयजल

4/29/2018 11:57:49 AM

फतेहाबाद(ब्यूरो): जिला फतेहाबाद।...पेयजल की हकीकत। पानी बेचने वाले मलामाल। लोगों की सेहत से खिलवाड़। जी हां, यह बात पूर्णतया सच है। अवैध दोहन के साथ फतेहाबाद जिला पानी के अवैध व्यापार में जकड़ता जा रहा है। पानी के नाम पर धंधा करने वालों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। मोटी कमाई के लालच में हर कोई पानी बेचना चाहता है। पंजाब केसरी ने पड़ताल की तो पता चला कि जिले में हर माह 20 लाख का पानी बेचा जा रहा है। ताज्जुब की बात है लोग पानी बेचकर कमाई करने में तो जुटे हुए हैं लेकिन वे पानी की क्वालिटी व गुणवत्ता की कोई जांच नहीं करवाते। 

एक बात तो तय है कि सेहत विभाग के अधिकारियों की रहमत से जिलेभर में कुछ विक्रेता शुद्ध पानी के नाम पर ब्लैक बिजनेस कर रहे हैं। यहां पर यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए कि इन प्लांटों के मालिकों द्वारा आम जनता के स्वास्थ्य खिलवाड़़ किया जा रहा है। एक बात तो साफ जाहिर है कि पानी बेचने वाले सेहत विभाग के अधिकारियों को रिश्वत देते हैं। 2 नंबर की कमाई के चक्कर में सेहत विभाग के जिम्मेदार लोगों की सेहत से खिलवाड़ करवा रहे हैं। 

पानी कैनों पर नहीं होता बैच नंबर व न एक्सपाइरी डेट
सरकार द्वारा निर्धारित मानकों की अगर बात करें तो पानी की कैनों पर बैच नंबर व एक्सपाइरी तिथि लिखना अनिवार्य है। जबकि जिले में एक भी प्लांट द्वारा सरकार के निमयों को फॉलों नहीं किया जा रहा। इसके अलावा घरों व ऑफिस आदि में पहुंच रहे कैम्पर आदि की शुद्धता व गुणवत्ता की भी कोई गारंटी नहीं। 

प्लांट पर सभी मानकों और नियमों का उल्लेख करना जरूरी
नियमों के मुताबिक वाटर प्लांट चलाने के लिए सरकारी अस्पताल, क्वालिटी कंट्रोल, नगर परिषद, से अनुमति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है। प्लांट पर सभी गुणवत्ताओं व पैरामीटरों को लिखना भी जरूरी है। इसके अलावा पानी की गुणवत्ता की जांच करवाना होता है।

Deepak Paul