पिता की अपनी बेटी को स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी से बचाने की विनती

punjabkesari.in Tuesday, Oct 01, 2024 - 08:21 PM (IST)

गुड़गांव, (ब्यूरो): मनीष दुनिया से विनती कर रहे हैं कि वह उनकी छह महीने की बेटी कियारा को बचाने में मदद करें, जो स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (एसएमए) टाइप 1 से जूझ रही है। यह एक दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी है जो धीरे-धीरे उन मांसपेशियों को कमजोर करती है जिनका उपयोग चलने, निगलने और सांस लेने के लिए किया जाता है।

 

कियारा का जन्म, सात साल के इंतजार के बाद, उनके परिवार के लिए अनोखी खुशी लेकर आया। लेकिन यह खुशी लंबे समय तक नहीं टिक पाई। मात्र छह महीने की उम्र में कियारा को एसएमए टाइप 1 जैसी जानलेवा बीमारी का पता चला, जिसने उसे रेंगने, चलने या बैठने में असमर्थ कर दिया है। उसकी चमकती आंखें देखती हैं, जैसे उसका परिवार इस विनाशकारी बीमारी की कड़ी वास्तविकता से जूझ रहा है। कियारा के लिए एक उम्मीद है—जीन थैरेपी ज़ोलगेन्स्मा, जो उसकी जिंदगी को बेहतर बना सकती है। लेकिन यह इलाज ₹17.5 करोड़ (लगभग 2.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की भारी लागत के साथ आता है, जो एक मध्यम वर्गीय परिवार की पहुंच से बाहर है। मनीष कहते हैं, "हम अपने विस्तारित परिवार, दोस्तों और उदार अजनबियों से मदद की उम्मीद कर रहे हैं। आपका सहयोग हमारी बेटी के लिए जीवन और मृत्यु के बीच का फर्क हो सकता है।"

 

इम्पैक्ट गुरु ने कियारा को यह जीवनरक्षक इलाज दिलाने में मदद के लिए एक फंडरेजिंग अभियान शुरू किया है। परिवार विनम्रता से योगदान की अपील कर रहा है—कोई भी राशि छोटी नहीं है। हर दान उन्हें 17.5 करोड़ रुपये के करीब पहुंचने में मदद करेगा। परिवार लोगों से कियारा की कहानी साझा करने की भी अपील कर रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग मदद कर सकें।

 

मनीष कहते हैं, "हम आपसे दिल की गहराइयों से विनती करते हैं कि कियारा को वह मौका देने में मदद करें जिसकी वह हकदार है। आपकी दयालुता और सहयोग उसकी रिकवरी का रास्ता रोशन करेंगे।"


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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