करौली सरकार के सान्निध्य में मिश्री मठ में पांच दिवसीय ‘पूर्णिमा उत्सव
punjabkesari.in Tuesday, Nov 04, 2025 - 07:48 PM (IST)
गुड़गांव ब्यूरो : गंगा तट की पवित्र भूमि इस नवंबर एक बार फिर अध्यात्म, साधना और भक्ति के दिव्य संगम की साक्षी बनेगी। हरिद्वार-ऋषिकेश राजमार्ग पर स्थित मिश्री मठ रायवाला में परम पूजनीय तृतीय मठाधिपति करौली शंकर महादेव जी (करौली सरकार जी) के पावन सान्निध्य में 4 से 8 नवंबर 2025 तक पांच दिवसीय पूर्णिमा उत्सव का आयोजन होने जा रहा है। इस वर्ष का विषय है “Zero Balance शून्य में संतुलन”, जो आत्मिक एकाग्रता और जीवन के गहरे संतुलन का प्रतीक है। करौली सरकार जी के मार्गदर्शन में मिश्री मठ वर्षों से अध्यात्म की एक ऐसी पवित्र धारा प्रवाहित कर रहा है जिसने अब तक दो लाख से अधिक साधकों के जीवन को प्रकाशमान किया है। ये साधक आज अपने पारिवारिक, सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन में संतुलन साधते हुए ध्यान साधना के उच्चतम स्तर तक पहुंच चुके हैं। करौली सरकार जी का जीवनदर्शन सरल किन्तु गूढ़ है “संतुलन ही साधना है और शून्य ही आरंभ का बिंदु।” यही दर्शन इस वर्ष के उत्सव का मूल मंत्र है।
पांच दिवसीय इस अध्यात्मिक उत्सव की शुरुआत 4 नवंबर को भजन संध्या और ध्यान साधना के साथ होगी, जिसमें साधक भक्ति और ध्यान के माध्यम से भीतर की ऊर्जा से जुड़ेंगे। 5 नवंबर को सामूहिक हवन और मंत्र दीक्षा का आयोजन किया जाएगा, जहां गुरु परंपरा की दिव्य दीक्षा प्रदान की जाएगी। 6 नवंबर का दिन इस आयोजन का केंद्र बिंदु रहेगा, जब सुबह 11 बजे से साधक महासम्मेलन आरंभ होगा। इस महासम्मेलन में करीब 30,000 साधक एक साथ साधना और चयन तंत्र क्रिया योग में भाग लेंगे यह दृश्य अध्यात्मिक ऊर्जा और एकता का जीवंत प्रतीक बनने जा रहा है। इसके बाद 7 नवंबर को पुनः भजन संध्या और ध्यान साधना आयोजित होगी, और 8 नवंबर को ध्यान साधना एवं आशीर्वचन के साथ इस महोत्सव का समापन होगा। करौली सरकार जी के दिशा-निर्देशन में आयोजित यह “Zero Balance” श्रृंखला केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जीवंत साधना आंदोलन बन चुकी है। उनका उद्देश्य है कि हर साधक अपने भीतर की शांति को खोजे, अपने कर्मों में संतुलन लाए और आत्मा से परमात्मा तक की यात्रा में साकारता का अनुभव करे। करौली सरकार जी का कहना है कि “जब मन स्थिर होता है और अहं शून्य में विलीन हो जाता है, तभी व्यक्ति संतुलन के उस शिखर पर पहुंचता है जहां से मुक्ति का मार्ग आरंभ होता है।
इस बार के उत्सव में देश के कई प्रतिष्ठित संतों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति इस आयोजन को और भी दिव्य बनाएगी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज, योग ऋषि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्णजी अपनी उपस्थिति से साधकों को आशीर्वाद देंगे। इसके साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री माननीय पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति की भी संभावना है, जो राज्य की आध्यात्मिक परंपरा के प्रति उनके सम्मान का प्रतीक है। मिश्री मठ रायवाला, जो हर पूर्णिमा को साधकों का पावन संगम बनता है, आज केवल एक मठ नहीं बल्कि एक जीवंत अध्यात्मिक विश्वविद्यालय है जहां करौली सरकार जी के सान्निध्य में साधक ध्यान, अनुशासन और जीवन संतुलन के गूढ़ रहस्यों को सीखते हैं। करौली सरकार जी ने सभी श्रद्धालुओं, साधकों और धर्मप्रेमियों से इस पांच दिवसीय पूर्णिमा उत्सव में सम्मिलित होने का विनम्र आग्रह किया है। उनका संदेश स्पष्ट है जो अपने भीतर शून्य में संतुलन पा लेता है, वही संसार में वास्तविक परिवर्तन ला सकता है।