ढींगरा कमीशन मामले में सरकार ने पेश किया एफिडेविट
4/19/2018 11:26:30 AM
चंडीगढ़(धरणी): ढींगरा कमीशन केस में बहस के दौरान गतदिवस को हरियाणा सरकार की ओर से हरियाणा के परसोनल डिपार्टमैंट में सरकार के सैक्रेटरी पंकज अग्रवाल का एफिडेविट दायर किया गया है। जवाब में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की यह याचिका राज्य सरकार द्वारा कमीशंस ऑफ इंक्वायरी के गठन को लेकर राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ नहीं है।
याचिका में दी गई दलीलों, पेश किए गए जवाब और अन्य दलीलों को पुन: देखे जाने और उन पर विचार किए जाने की जरूरत है। कहा गया है कि वर्ष 1952 के एक्ट के तहत कमीशंस ऑफ इंक्वायरी केवल तथ्यों को एकत्रित करने के मकदस से है। इसके गठन का मकसद एक स्वतंत्र इकाई द्वारा जनता से जुड़े मामलों में तथ्यों को इकट्ठा कर रिपोर्ट के रूप में पेश करने का था।
कमीशंस ऑॅफ इंक्वायरी को ज्यूडीशियल रिव्यू का विषय नहीं बनाया जा सकता। वहीं, दायर जवाब में उन आरोपों पर भी जवाब पेश किया गया है जिसमें सम्बंधित कार्रवाई में मौजूदा मुख्यमंत्री की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। मामले में अगली सुनवाई अब 25 अप्रैल को होगी।
गुडग़ांव में सी.एल.यू. जारी करने में कथित रूप से बरती गई अनियमितताओं की जांच के लिए गठित किए गए जस्टिस ढींगरा आयोग के गठन को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की गई थी। गौरतलब है कि हुड्डा ने याचिका में ढींगरा कमीशन के गठन को मौजूदा मुख्यमंत्री का अपना निजी फैसला बताया था, जबकि इसके लिए मंत्रिमंडल की सहमति लेना जरूरी है। कहा गया कि जब कमीशन का निर्माण ही उचित प्रक्रिया से नहीं हुआ तो इसकी जांच की कोई महत्ता नहीं। ऐसे में कमीशन की रिपोर्ट रद्द की जानी चाहिए।