छात्राओं के लिए सरकार की नई योजना, अब स्कूल आने- जाने के लिए मिलेगा पैसा

9/16/2018 10:38:35 AM

गुडग़ांव(प्रवीन): प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाली बेटियों की सुविधा के लिए शिक्षा विभाग द्वारा छात्रा परिवहन योजना शुरू कर रहा है। छात्राओं को सुरक्षित और मुफ्त यात्र सुविधा के उद्देश्य से शिक्षा निदेशालय ने यह कदम उठाया है। छात्र परिवहन योजना के तहत छात्रा के घर से स्कूल की दूरी कम से कम एकतरफा 3 किलोमीटर होनी अनिवार्य है। कम से कम 600 रुपए और अधिकतम 1600 रुपए छात्र परिवहन योजना के तहत दिए जाएंगे। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में गत 12 सितम्बर को प्रदेशभर के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों सहित खंड अधिकरियों व स्कूल मुखियाओं को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने जिले व व स्कूल में छात्रा परिवहन योजना को लागू कराएं। वहीं कई माह पहले भी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रदेश में छात्रा परिवहन योजना शुरू करने की घोषणा कर चुके हैं। 

छात्रा परिवहन योजना के तहत प्रति छात्रा 4 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान होगा। एक तरफ  घर से स्कूल की दूरी 3 किलोमीटर होने पर प्रति छात्रा आने-जाने का 24 रुपए किराया दिया जाएगा। एक माह में अधिकतम 25 दिन किराया निर्धारित किया गया है। छात्रा यदि एक माह में 3 दिन से ज्यादा गैर हाजिर रहेगी तो उसी हिसाब से भुगतान कम कर दिया जाएगा। यानी प्रति माह कम से कम 600 रुपए, 8 किलोमीटर पर 800 रुपए, 10 किलोमीटर पर 1000 रुपए और 16 किलोमीटर पर 1600 रुपए प्रति छात्रा भुगतान किया जाएगा। कम से कम 4 छात्राएं वाहन चालक को लानी होंगी। निर्धारित संख्या के अनुसार यदि वाहन चालक छात्राओं को स्कूल पहुंचाएगा तो उसे एक छात्र का अतिरिक्त भुगतान दिया जाएगा। यानी उसे 5 छात्राओं का किराया मिलेगा। वाहन में बैठाने की संख्या उसके रजिस्ट्रेशन पर निर्धारित करेगी। 

इसके लिए आटो रिक्शा, कार, वैन, सूमो, जीप, मैक्सी व मिनी बस लगाए जा सकते हैं। अधिक से अधिक 50 छात्राएं बस में बिठाई जा सकती हैं। जिला शिक्षा अधिकारी दिनेश शास्त्री का कहना है कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, अगर शिक्षा निदेशालय यह योजना लागू करता है तो छात्राओं को काफी सुविधा होगी।  

3 किमी. दूरी वाली छात्राओं को मिलेगा लाभ 
घर से स्कूल की दूरी कम से कम 3 किलोमीटर अनिवार्य है और इस सीमा में दूसरा सरकारी स्कूल नहीं होना चाहिए। यदि दूसरा स्कूल है तो उसमें वह विषय नहीं होना चाहिए जो विद्यार्थी लेना चाहता है। जैसे 11वीं व 12वीं में मेडिकल, नॉन मेडिकल, कॉमर्स इत्यादि स्कूल में न होना या कोई मनपसंद का विषय 3 किलोमीटर की सीमा वाले स्कूल में नहीं होना चाहिए। योजना का लाभ के लिए छात्राओं की 60 प्रतिशत उपस्थिति भी अनिवार्य है।

Deepak Paul