इलाज के दौरान बच्ची की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

10/26/2016 3:54:36 PM

गुड़गांव (संजय): सिविल अस्पताल में एक बार फिर चिकित्सकों की लापरवाही का मामला तब सामने आया जब तबीयत खराब होने के बाद 4 वर्षीय बच्ची को उसके परिजनों द्वारा अस्पताल लाया गया। परिजनों के मुताबिक, ठीक समय पर चिकित्सकों द्वारा बच्ची का इलाज नहीं किया गया इसलिए उसकी मौत हो गई। वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया जा रहा हैं। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, मूलरूप से उत्तर प्रदेश के हरदोई निवासी ओम सिंह अपने परिवार के साथ कादीपुर एरिया में रहते हैं। उनकी 4 वर्षीय बच्ची जान्हवी पिछले कुछ दिनों से बीमार थी। मंगलवार सुबह परिजन बच्ची को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि यहां करीब साढ़े 10 बजे वे अस्पताल पहुंचे थे। यहां लाइन में लगकर इंतजार करने के बाद उनका कार्ड बना जिसके बाद उन्होंने ओपीडी नंबर 2 में शिशु रोग विशेषज्ञ को जांच कराई। यहां जांच के बाद उन्होंने अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। परिजनों के मुताबिक, अल्ट्रासाउंड के लिए जब वे आए तो उन्हें करीब एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ा। एक बार फिर से बच्ची की तबियत बिगडऩे लगी। हालांकि बच्ची की ये हालत होता देख परिजनों द्वारा उसे पानी पिलाया गया जिसके तुरंत बाद वह उल्टी कर दी। जिसके बाद उसे इमरजेंसी में ले जाया गया। जहां करीब साढ़े 12 बजे उसे एडमिट कर लिया गया। जैसे ही बच्ची का इलाज शुरू हुआ उसके थोड़े ही देर बाद उसकी मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही परिजनों के पैर तले जमीन खिसक गई। फिर परिजनों ने अपनी लाड़ली का शव शव देखकर गुस्से में आ गए और हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने बच्ची की मौत के लिए चिकित्सकों को जिम्मेदार ठहराया। घटना की जानकारी पुलिस व अस्पताल प्रबंधन को दी गई जिसके बाद बच्ची के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। एक सुलझा नहीं दूसरा आ गया बीते 22 अगस्त को सिविल अस्पताल में एक और 11 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई थी। जिसमें परिजनों द्वारा चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया गया था। मामले को लेकर तकरीबन साढ़े चार घंटे तक तीन सदस्यीय कमेटी ने अस्पताल के चिकित्सकों से पूछताछ की। इस दौरान कमेटी ने चिकित्सकों के बयान को अपनी रिपोर्ट में दर्ज में भी दर्ज किया।
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