शिक्षा स्तर सुधारने के लिए शिक्षकों को दी अतिरिक्त जिम्मेदारी

1/16/2016 5:50:52 PM

गुडग़ांव(प्रवीन): बीते दिनों बोर्ड की कक्षाओं के खराब रिजल्ट को लेकर गंभीर हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। डीईओ सहित अन्य अधिकारियों की क्लास लगाई जा चुकी है, वहीं जिन स्कूलों की पास प्रतिशतता काफी कम थी, उनके मुखियाओं पर भी आला अधिकारियों की झाड़ पड़ चुकी है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए एक नये प्रयोग पर काम करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत प्राध्यापकों व शिक्षकों को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जा रही है। विभाग ने आदेश दिये हैं कि अब प्राध्यापक 9वीं व 10वीं और मास्टर छठी व आठवीं को पढ़ाएंगे। 

प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में अबकी बार 10वीं कक्षा के प्रथम सेमेस्टर का रिजल्ट काफी खराब रहा है। जब इसकी वजह को लेकर शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी थी। जवाब में तकरीबन सभी स्कूल मुखियाओं ने खराब परिणाम आने का मुख्य कारण स्कूलों में शिक्षकों की कमी बताया। इस समस्या को देखते हुए शिक्षा विभाग कार्यशैली में बदलाव करने का फैसला लिया है। विभाग ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर आदेश दिये हैं कि अब सीनियर सैकेंडरी में लगे प्राध्यापक 11वीं व 12वीं की कक्षाओं को पढ़ाने के अलावा 9वीं व 10वीं की कक्षाओं को भी पढ़ाएंगे। इसके साथ ही हाई स्कूल के मास्टर अब 9वीं व 10वीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाने के साथ ही छठी से लेकर आठवीं तक की कक्षाओं को भी पढ़ाएंगे। विभाग के आदेशों के अनुसार अगर किसी स्कूल में प्राध्यापक व मास्टर की संख्या ज्यादा है, तो उनका ट्रांसफर दूसरे स्कूल में किया जाए, जहां शिक्षकों की कमी है। 

अपनी कक्षाओं के लिए रहेगी प्राथमिकता 

विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार प्राध्यापक पहले अपनी कक्षाओं को प्राथमिकता देंगे। वे पहले 11वीं व 12वीं की कक्षा लगाएंगे। इसके बाद ही दूसरी कक्षाओं में जाएंगे। इसी अनुसार मास्टर भी अपने कक्षा लगाने के बाद ही दूसरी कक्षाओं में जाएंगे। प्रत्येक प्राध्यापक को महीने में 36 पीरियड लगाने होंगे और मास्टर को 40 पीरियड लगाने होंगे। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य सचिव सत्यनारायण यादव ने कहा कि इससे कई स्कूलों में बच्चों को फायदा मिलेगा। क्योंकि शिक्षकों की कमी के कारण कई स्कूलों में पढ़ाई अच्छे ढंग़ से नहीं हो पाती। अब विभाग के आदेशानुसार प्राध्यापकों व मास्टर को खाली समय में दूसरी कक्षाओं में पढ़ाना ही होगा।