तीसरी लहर के बीच यह बजट जनता, सरकार, इकोनॉमी और इंडस्ट्री सभी के लिए महत्वपूर्ण

1/18/2022 7:12:21 PM

गुडग़ांव,  ब्यूरो: बजट 2022 की तैयारी जोरों पर है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. कोरोना की तीसरी लहर के बीच यह बजट जनता, सरकार, इकोनॉमी और इंडस्ट्री सभी के लिए महत्वपूर्ण है. जनता बेरोजगारी की समस्या से परेशान है, विकास को गति देने के लिए सरकार को फंड चाहिए और इंडस्ट्रीज को अपने लिए टैक्स में राहत समेत कई तरह की छूट चाहिए. ऐसे में निर्मला सीतारमण के लिए सभी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए समावेशी बजट पेश करना है.

दर्पण सैनी, सीईओ, फिट. हेल्थ (Darpan Saini, CEO, Phyt.health) - Health Sector “कोविड के लगातार बढ़ने की वज़ह से पिछले दो वर्षों में चिकित्सा के खर्चों में वृद्धि हुई है। कई लोगों की नौकरी चली गई है या उनके वेतन में कटौती हुई है, जिससे लोगों पर अतिरिक्त वित्तीय तनाव है। इन समस्याओं को कम करने के लिए, सरकार को डिजिटल स्वास्थ्य सेवा को किफायती बनाना होगा।प्रीमियम पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% करके स्वास्थ्य बीमा को किफायती बनाने पर खास ध्यान देना एक व्यवहार्य विकल्प है। सरकार को डॉक्टर के परामर्श जैसी टेलीहेल्थ सेवाओं या ऑनलाइन फिजियोथेरेपी के लिए स्वास्थ्य बीमा लागू करना चाहिए ताकि मरीजों को अपने घर में ही ठीक होने में मदद मिल सके। यह उन रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है जो कोविड प्रतिबंधों के कारण डॉक्टर के पास नहीं जा सकते। इसके अलावा, वित्त मंत्री धारा 80डी के तहत कटौती की सीमा को 50 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने पर भी विचार कर सकती है। इस तरह से आम लोगों को स्वास्थ्य सेवा के बढ़ते खर्चों से लड़ने में मदद मिल सकती है।"

अश्विनी जैन , सीईओ और सहसंस्थापक, फॉरेनएडमिट्स (Ashwini Jain,CEO & Co- Founder, ForeignAdmits) - Education Sector “मेक इन इंडिया” के बड़े प्रभाव को आगे ले जाने के विचार के साथ, स्टार्ट-अप की भूमिका को भी समझना अहम है। स्टार्ट-अप और उनके नए विचारों को अर्थव्यवस्था और स्थानीयकरण में योगदान देने के लिए उचित धन और बजट की भी ज़रूरत है। देश में बेहतर स्टार्ट-अप स्थितियों से अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई समस्याओं को हल किया जाएगा।हम न केवल स्थानीयकरण को बढ़ावा देकर उसके सर्वोत्तम रूप में पहुंचा पाएंगे, बल्कि हम अपने नागरिकों की आवश्यकताओं के अनुसार रोजगार, करियर के और भी अवसर और उत्पादन को अनुकूलित कर पाएंगे। सरकार को आगामी वित्तीय वर्ष के बजट चर्चा के दौरान कुछ महत्वपूर्ण कारकों को ध्यान में रखना होगा। उनमें से कुछ हैं, जीएसटी को कम करना, स्टार्ट-अप को अधिक धन देना, और सार्वजनिक डेटा को हमारे लिए सुलभ बनाना। स्टार्ट-अप को भी विकास के चरण में इक्विटी और ब्याज मुक्त ऋण मिलना चाहिए ताकि वे देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने में मदद कर सकें।"

विजेंदर रेड्डी मुथ्याला, सह-संस्थापक और सीईओ, ड्रिंकप्राइम ( Vijender Reddy Muthyala, Co-Founder and CEO, DrinkPrime) - Health & Wellness Sector "सरकार जल जीवन मिशन-हर घर जल जैसे कार्यक्रमों से लोगों तक पीने का पानी पहुंचाने की प्रशंसनीय पहल पर ध्यान दे रही है। जबकि हमने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों तक पानी पहुंचाने में काफी प्रगति की है, पीने के पानी पहुंचाना एक चुनौती बनी हुई है। सरकार को इस समस्या से निपटने हेतु स्टार्टअप को प्रेरित करने के लिए इंसेंटिव देना होगा। सार्वजनिक और निजी भागीदारी को एकजुट करके ही हम इस बुनियादी मानव अधिकार को हल कर पाएंगे। पेयजल प्रदाताओं पर लगाए गए जीएसटी और अन्य करों पर भी सरकार को जांच करनी चाहिए। पानी एक आवश्यक बुनियादी मानवीय आवश्यकता है और उस पर तदनुसार ही कर लगाया जाना चाहिए। ड्रिंकप्राइम सभी भारतीयों के लिए पीने के पानी को अधिक सुलभ और किफायती बनाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहेगी।"

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Gaurav Tiwari