चोरी रोकने के लिए इंसूलेटिड तारें भी फेल

9/21/2018 3:56:59 PM

गुडग़ांव (ललिता): गांव गढी हरसरू में आए दिन हो रही बिजली चोरी को रोकने के लिए यहां पिछले वर्ष बिजली की इंसूलेटिड तारें लगवाने का काम शुरू किया गया है। दरसल पूरे एरिया में पहले एल्यूमिनियम की खुली तारें लगी हुई थी, जिसके कारण इस एरिया में बिजली चोरी के अधिक मामलें सामने आ रहे थे। इस तरह की समस्यां को दूर करने के लिए इस एरिया के सभी इलाकों में इंसूलेटिड तारे लगाने का काम पिछले वर्ष ही पूरा कर दिया गया था। गांव में बिजली चोरी की घटनाओं पर इसके बावजूद रोक नहीं लग पाई है।
कट लगाकर हो रही चोरी    


बिजली की इंसूलेटिड़ तारें लगाने के बावजूद भी बिजली चोरी की घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। घरों के आगे से निकलने वाली तारों में कट लगाकर बिजली की चोरी इलाके में लगातार जारी है। बिजली चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अक्सर अभियान भी चलाया जाता है,लेकिन बावजूद इसके आधी रात के बाद हो रही बिजली चोरी के चलते बिजली चोरों पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा।

चार साल से दावे
गांव में रहने वाले लोगों को पिछले चार सालों से स्ट्रीट लाइटें लगाने के वादे किए जा रहे हैं,लेकिन हर साल केवल दावों के सहारे ही गुजर जाता है। 
अंधेरे के कारण लोग शाम सात बजे से पहले ही अपने घरों में आ जातें हैं, जिससे रास्तें में ही अंधेरा होने से अन्हे घर आने में दिक्कतों का सामना न करना पडे। स्वंय का वाहन होने के बाद भी लोग अंधेरे के कारण शाम सात बजे के बाद इन अंधेरे रास्तों पर चलने से कतराते हैं। माटर साईकिल और कार से चलने वाले लोग तो फिर भी यह अंधेरा भरा रास्ता तय कर लेते हैं,लेकिन साईकिल सवारों को शाम सात बजे से पहले ही घर पंहुचना पड़ता है, क्योकि जैसे ही वो लोग एक हाथ से मोबाईल या टॉर्च पकड़कर रास्ता पार करते है, ऐसे में बैंलेस बिगड़ जाने पर कई बार लोग सड़को पर ही गिर जाते हैं, क्योकि अंधेरे के अलावा गांव की सड़को की हालात भी खासी खराब हैं। ऐसे में सड़क पर खुली पडी नालियां न दिखने से रात के समय पैदल चलने वाले लोग इन गड्डों में गिर जातें हैं।

अभी भी जारी बिजली की घंटो कटौती
स्ट्रीट लाईटें न होने पर लोग जहां रात के समय अपने घरों के आगे लगे बल्ब जलाकर रखते हैं, जिससे गलियों से गुजरने वाले लोगों को किसी प्रकार की दिक्कतें न हो, लेकिन रात के समय बिजली की घंटो कटौती के कारण लोगों के घरों के बाहर लगे बल्ब भी बंद हो जाते हैं। सरकार की म्हारां गांव जगमग गांव की योजना भी इस गांव के लिए पूरी तरह से फैल नजर आ रही है। इस इलाके में रहने वाले लोगों को आखिर कब तक इसी तरह अंधेरे में रात गुजारनी पड़ती है, इस बारें में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।

Deepak Paul