भारतीय युवाओं में पर्सनल फाइनेंसिंग का अभाव : मंदार मराठे
punjabkesari.in Wednesday, Mar 02, 2022 - 08:28 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो: कॉपर प्लैटफॉर्म पर सीखें मनी मैनेजमेंट की बारिकी एक विशेष बातचीत में, कॉपर के संस्थापक मंदार मराठे, कॉपर के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात करते हैं
फाइनेंस लर्निंग प्लैटफॉर्म की क्या जरूरत है?
किसी भी फाइनेंशियल लर्निंग प्लैटफॉर्म के लिए इंक्लूसिव अप्रोच यानी समावेशी दृष्टिकोण बहुत जरूरी होता है. इसमें फाइनेंस की मूलभूत जानकारी, फाइनेंशियल मैनेजमेंट और फाइनेंशियल ट्रेनिंग बहुत जरूरी माना जाता है. इसकी मदद से ट्रेडिंग, इन्वेस्टेमेंट और सेविंग में काफी मदद मिलती है. यह एक ऐसा प्लैटफॉर्म होना चाहिए जिससे उनलोगों को भी मदद मिल सके जो फाइनेंस की बहुत ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं. जो फाइनेंशियल प्रैक्टिशनर हैं, उनके लिए भी यहां सीखने वाला कंटेट होना जरूरी है. कुल मिलाकर फाइनेंशियल लर्निंग प्लैटफॉर्म का मकसद पर्सनल फाइनेंस को
बेहतर करना है. ऐसे लर्निंग प्लैटफॉर्म्स के लिए वर्किंग कैपिटल के साथ-साथ मजबूत ह्यूमन कैपिटल भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. इस प्लैटफॉर्म के लिए एक ऐसी टीम की जरूरत होती है जो फाइनेंशियल लिटरेसी को बहुत गंभीरता और बारिकी से समझते हों. यह टीम शुरुआती निवेशकों और युवाओं को प्रेरित करने का काम करते हैं.
कॉपर प्लैटफॉर्म को स्थापित करने का क्या मकसद था?
कॉपर एक फाइनेंशियल प्लैटफॉर्म है जिसका मकसद युवाओं को फाइनेंशियल फ्रीडम देना है. यही इस प्लैटफॉर्म का एकमात्र लक्ष्य है. इस प्लैटफॉर्म की मदद से युवाओं और मिलेनियल्स को पर्सनल फाइनेंस की बेसिक जानकारी दी जाती है. भारतीय युवा स्मार्ट पर्सनल फाइनेंस में कमजोर माने जाते हैं. हम उन्हें सशक्त करने की कोशिश कर रहे हैं. इस प्लैटफॉर्म पर युवाओं को कस्टमाइज सर्विस उपलब्ध कराई जाती है. वे अपनी क्षमता और जरूरत के हिसाब से इस कस्टमाइज सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं. उनकी जरूरत के हिसाब से सेविंग, स्पेंडिंग, इन्वेस्टमेंट, बॉरोइंग और प्रोटेक्शन की पूरी जानकारी दी जाती है. यह काम लक्षित तरीके से प्लानिंग के हिसाब से की जाती है.
आपको कब ऐसा लगा कि भारत में इस तरह के फाइनेंशियल प्लैटफॉर्म की जरूरत है?
जब हमने मार्केट रिसर्च किया तब हमें ऐसे प्लैटफॉर्म की जरूरत महसूस हुई. इसकी स्थापना एंप्लॉयी फाइनेंशियल मैनेजमेंट स्टार्टअप के रूप में हुई थी. रिसर्च के दौरान हमने पाया कि भारत में कंपनियां एंप्लॉयी की बेहतर फाइनेंसिंग के लिए कुछ खास नहीं कर रही हैं. इस तरह कॉपर का आइडिया दिमाग में आया. अब हमारी चुनौती एक ऐसे प्रोडक्ट को तैयार करने की थी जो इस काम को आसानी से कर सके. हमने ऐसे में एक फाइनेंशियल वेलनेस प्रोडक्ट को लेकर सॉफ्टवेयर तैयार करने के बारे में विचार किया. इस बीच कोरोना महामारी आ गई जिसने पर्सनल फाइनेंस का पूरा कॉन्सेप्ट बदल दिया. युवाओं को पर्सनल फाइनेंसिंग और सेविंग का मतलब समझ में आने लगा. वे ऐसी सर्विस की तलाश करने लगे. इसका हमें भरपूर फायदा मिला. इसके बाद कॉपर प्लैटफॉर्म को हमने युवाओं के फाइनेंशियल फ्रीडम को ध्यान में रखते हुए डेवलप किया.
कॉपर की मदद से किस गैप को भरने की कोशिश की जा रही है?
कॉपर की मदद से हम युवाओं और मिलेनियल्स को स्कूल से ही फाइनेंसिंग का पाठ पढ़ाना चाहते हैं. अपने देश में यह बहुत बड़ी कमी है कि बच्चे और पैरेंट्स के बीच मनी मैनेजमेंट पर चर्चा नहीं होती है. हम इसी गैप को भरना चाहते हैं. अपने देश में अभी तक ऐसा कोई प्लैटफॉर्म नहीं है जो पर्सनल फाइनेंसिंग को लेकर युवाओं को किसी तरह की जानकारी देता हो. इस प्लैटफॉर्म पर पर्सनल फाइनेंसिंग की सभी जानकारी मुफ्त में हासिल की जा सकती है. ये जानकारी इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स द्वारा शेयर की जाती है. हमारा मानना है कि मिलेनियल्स के लिए फाइनेंशियल नॉलेज बहुत जरूरी है. यह बहुत बेसिक नॉलेज है जिसकी मदद से स्मार्ट मनी मैनेजमेंट किया जा सकता है. अगर युवाओं के पास जानकारी होगी तो वे अपनी कमाई का बेहतर इस्तेमाल कर पाएंगे और बचा भी पाएंगे. हमें यह समझना होगा कि आज की तारीख में फाइनेंशियल लिटरेसी वैकल्पिक नहीं है, बल्कि अनिवार्य है. जैसे-जैसे हमारे कंधों पर बोझ बढ़ता जाता है, फाइनेंशियल लिटरेसी बहुत जरूरी हो जाता है.
कॉपर के प्लैटफॉर्म पर 'एक्सपर्ट्स चर्चा ' की सुविधा दी गई है. ये एक्सपर्ट्स कौन होते हैं? इनके सलेक्शन का
क्राइटेरिया क्या है और एक्सपर्ट पैनल में शामिल होने के लिए कैसे अप्लाई किया जा सकता है? हमारे प्लैटफॉर्म पर सभी एक्सपर्ट्स काफी सुयोग्य और अनुभवी है. हमारी के मजबूत और सशक्त टीम है जो इन एक्सपर्ट्स का सलेक्शन करती है. इनका सलेक्शन सर्टिफिकेशन और क्रेडिबिलिटी के आधार पर किया जाता है. जब किसी एक्सपर्ट का सलेक्शन किया जाता है तो इसके कुछ तौर-तरीके निश्चित किए गए हैं जो बहुत ही प्रभावी और कठिन हैं. अगर कोई हमारे एक्सपर्ट पैनल में शामिल होना चाहता है तो वह care@koppr.in पर अपना प्रोफाइल मेल कर सकता है. साथ में उन्हें अपने बारे में पूरी जानकारी शेयर करनी होगी कि वे किस फील्ड के एक्सपर्ट हैं. हमारी टीमउनका मूल्यांकन करेगी जिसके बाद किसी भी एक्सपर्ट का सलेक्शन होगा. फाइनल सलेक्शन से पहले उस एक्सपर्ट का बैकग्राउंड ऐनालिसिस भी किया जाता है.
कॉपर को आप अगले पांच सालों में कहां देखते हैं? इसका बिजनेस और ग्रोथ प्लान क्या है?
हमारा मकसद कॉपर को एक ऐसे फाइनेंशियल प्लैटफॉर्म के रूप में डेवलप करना है जो युवाओं और मिलेनियल्स को फाइनेंशियल फ्रीडम प्रदान कर सके. हम एक ऐसा प्लैटफॉर्म तैयार करना चाहते हैं जहां फाइनेंस के हर सवाल का जवाब हो. एक युवा के मन में जब पर्सनल फाइनेंस संबंधी कोई सवाल आता है तो उसे इस प्लैटफॉर्म पर समुचित जवाब मिल जाए. यही हमारा मकसद है, यही हमारा ग्रोथ प्लान है. हमारा टार्गेट युवा है और हम इस प्लैटफॉर्म की मदद से युवाओं की पर्सनल फाइनेंसिंग को दुरुस्त करना चाहते हैं. इससे फाइनेंशियल फ्रीडम में मदद मिलेगी. हम कस्टमाइज्ड सर्विस को और इनहेंस करेंगे. यहां पर्सनल फाइनेंस में लोन, इन्वेस्टमेंट, क्रिप्टोकरेंसी, सेविंग्स, ट्रेडिंग सभी की जानकारी उपलब्ध होगी. कुल मिलाकर हमारा मकसद युवाओं के फाइनेंशियल सफर में उनका साथ देना है.
क्या आप कॉपर के बारे में कुछ और जानकारी शेयर करना चाहते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज काफी बढ़ गया है. ऐसे में हम क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक्सक्लूसिव क्रिप्टो सॉल्यूशन प्लैटफॉर्म लेकर आ रहे हैं. हमारा टार्गेट युवा है. इस प्लैटफॉर्म की मदद से उन्हें क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानकारी दी जाएगी. साथ ही इसमें ट्रेडिंग, इन्वेस्टमेंट के बारे में भी बताया जाएगा.