टीम मशकबीन ने बैक-टू-बैक हिट्स की भव्य सफलता पर आयोजित किया जश्न
punjabkesari.in Monday, Jun 02, 2025 - 09:17 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : टीम मशकबीन ने बीती शाम नोएडा को संगीत, उमंग और उत्साह से जगमगाते हुए एक अविस्मरणीय जश्न में तब्दील कर दिया। यह आयोजन तीन बड़ी उपलब्धियों को समर्पित था- उनके नए ट्रैक “राज करीदे ” का आधिकारिक लॉन्च, “लोडेड गन” की वायरल सफलता, और “चाहा को होटल 2.0” टूर की निरंतर गूंज।
राजमहल पैलेस जैसे ऐतिहासिक स्थल को संगीत, रचनात्मकता और खुशियों के रंग में रंगते हुए, इस भव्य आयोजन में कलाकारों, क्रिएटर्स और प्रशंसकों का जीवंत संगम देखने को मिला। ऊर्जावान परफॉर्मेंस, दिल से किए गए टोस्ट और अनवरत उत्साह ने इस रात को टीम मशकबीन की यात्रा और उनके बढ़ते प्रभाव की असल तस्वीर बना दिया।
शाम की सबसे खास बात थी मशकबीन के तीन बैक-टू-बैक हिट्स का जश्न:
“चाहा को होटल 2.0”, जिसे मनोज आर्य और ममता आर्य ने गाया है, जिसमें श्वेता महारा और अजय सोलंकी मुख्य भूमिकाओं में हैं, और निर्देशन किया है प्रसिद्ध निर्देशक प्रकाश भट्टा ने। यह गीत मशकबीन के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ हुआ है और अब तक 2.03 लाख से अधिक व्यूज़ हासिल कर चुका है।
“लोडेड गन”, जो एक धमाकेदार और वायरल हिट बन चुका है, में बंटी किंग हरियाणा ने बतौर कलाकार, रैपर, कंपोज़र और गीतकार के रूप में काम किया है, साथ ही इसमें गायिका गुरनैन की आवाज़ है। यह गाना केवल एक महीने में 14 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है, जो इसे मशकबीन धाकड़ की सबसे सफल रचनाओं में से एक बनाता है।
“राज करीदे ”, जो एक शक्तिशाली ध्वनि और कहानी का मिश्रण है, इसमें शामिल हैं ईराजवीर भट्टी (गायक, गीतकार, संगीतकार), अथवाल (रैपर), आइशा सिद्दीकी (मुख्य फीमेल भूमिका), बून (म्यूजिक व मिक्स मास्टर), और निर्देशक लकी जागलान। यह ट्रैक मात्र एक दिन पहले रिलीज़ हुआ है और पहले ही 1.59 लाख व्यूज़ पार कर चुका है।
इस खास मौके पर टीम मशकबीन के सभी सदस्य, कलाकार और सहयोगी मौजूद थे, जिन्होंने इस उपलब्धि को पूरे अंदाज़ में मनाया। यह पार्टी सिर्फ एक जश्न नहीं थी, बल्कि एक स्पष्ट ऐलान था-मशकबीन की रचनात्मक उड़ान और उसके प्रशंसकों से गहराते रिश्तों का।
स्थानीय आत्मा और साहसी प्रयोगों के मेल से, मशकबीन आज भारतीय संगीत उद्योग में अपनी एक अलग पहचान गढ़ रहा है। नोएडा का यह समारोह एक साधारण कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक क्षण था- यह संकेत कि मशकबीन अब एक क्रांति है।