नोटबंदी: छपे नोटों का मांगा ब्यौरा, देने से इंकार
12/10/2018 5:09:12 PM
गुडग़ांव(संजय): 2 वर्ष पूर्व नोटबंदी की घोषणा के बाद छापे गए 2000 व 500 के नए नोटों की छपाई व उनकी दैनिक संख्या की सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आरबीआई से जानकारी मांगी गई। जिसको भारत सरकार की नोट छापने वाली संस्था भारतीय नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड ने यह कहते हुए सूचना देने से इन्कार कर दिया कि इससे भारत के आर्थिक रूचि (इकोनामिक इंट्रेस्ट ऑफ इंडिया) प्रभावित होगी। लिहाजा ये जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती। याची द्वारा दायर की अपील पर सुनवाई कर सीआईसी ने आरबीआई को आदेश जारी कर कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम का मामला के तहत मांगी जानकारी तत्काल उपलब्ध करवाई जाए।
ज्ञात हो कि डीएलएफ फेज-3 निवासी हरेन्द्र ढींगरा ने अधिकार अधिनियम-2005 के तहत नोटबंदी के बाद से यानी 9 नवम्बर से लेकर 30 नवम्बर तक छापे गए 500 व 2000 के नोटों की संख्या की जानकारी मांगी थी। ताकि ये पता लगाया जा सके कि नोटबंदी के बाद से दैनिक रूप से कितनी नोटों की छपाई रिजर्व बैंक द्वारा की गई और कितने का संचय किया गया। लेकिन आरबीआई ने इसकी सूचना देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि इससे भारत की आर्थिक रुचि प्रभावित होगी, लिहाजा इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। याची द्वारा सीआईसी में दोबारा दायर की गई अपील संख्या- सीआईसी/आरबीआई इंडिया/ए/ 2017/156948 पर सुनवाई करते हुए आरबीआई को आदेश जारी किए कि यह सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत का मामला है। आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी तत्काल उपलब्ध कराई जाए।